शरद पूर्णिमा में नहीं बांटी जाएगी जड़ीबूटी युक्त खीर

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बर्फानी सेवाश्रम में हर साल हजारों को मिलती थी

नेशन अलर्ट / 97706 56789

राजनांदगांव.

मानव सेवा एवं जनकल्याण के लिए अंचल सहित देशभर में पहचान बना चुकी बर्फानी सेवाश्रम समिति द्वारा इस साल शरद पूर्णिमा नहीं मनाई जाएगी. मतलब खीर का प्रसाद नहीं बंटेगा. 22 वर्ष से सांस रोग से पीडित यह प्रसाद ग्रहण करते थे.

सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’ ने बताया कि संस्था द्वारा पिछले 21 वर्षों से संस्था के आशीर्वादक श्री बर्फानी दादा जी के मार्गदर्शन में यह आयोजन होता रहा है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार स्वांस, दमा व आस्थमा पीड़ितों को नि:शुल्क जड़ीबुटीयुक्त खीर प्रसाद का वितरण होते रहा है.

बर्फानी आश्रम स्थित मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दस महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव शक्ति सिद्धपीठ में यह आयोजन किया जाता था. इसमें अंचल सहित देश के  विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में पीड़ितजन आते हैं.

क्यूं लिया निर्णय ?

इस वर्ष संस्था ने निर्णय लिया है कि 30 अक्टूबर को दिन शुक्रवार को पड़ने वाली शरद पूर्णिमा के अवसर पर यह आयोजन नहीं होगा. शहर के साथ ही देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए यह आयोजन लोगों को सुरक्षित रखने और शासन प्रशासन के निर्देशों का पालन करने के उद्देश्य से लिया गया है.

गत दिनों संस्था के पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा आनलाईन चर्चा के दौरान सभी ने इस वर्ष शरद पूर्णिमा का विशाल आयोजन नहीं करने की सहमति दी. इसमें प्रमुख रूप से संस्था के अध्यक्ष राजेश मारु, उपाध्यक्ष दीपक जोशी, सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’, कोषाध्यक्ष नीलम जैन, महंत गोविंद दास, महेंद्र लुनिया, कुलबीर छाबड़ा, बलविंदर सिंह भाटिया, मनीष परमार, संजय खंडेलवाल, दामोदर अग्रवाल शामिल थे.

इनके अलावा अन्य सदस्यगणों ने अपने विचार रखते हुए एक मत से कहा कि जनमानस को सुरक्षित रखने की दृष्टिकोण से यह कदम उठाया जाना उचित होगा क्योंकि 30 हजार से अधिक पीड़ितजनों का इसमें समावेश रहता है. यह वायरस स्वांस, दमा और अस्थमा वालों को अत्यधित अटैक कर सकता है.

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