नेशन अलर्ट/रायपुर।
राज्य का पुलिस महकमा एक बार फिर विवादों में आता नजर आ रहा है। इस बार मसला पुलिस महानिदेशक पद पर की गई पदोन्नति से जुड़ा हुआ है जिसे विवादित बताया जा रहा है। जानकारों के मुताबिक इसी मसले पर कांग्रेस ने कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। दरअसल, 6 अक्टूबर को आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले छत्तीसगढ़ में डीजी पद पर प्रमोट किए जाने का एक आदेश निकला है जो कि मसले को विवादित किए जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में पुलिस महानिदेशक यानि डीजी के कुल दो पद स्वीकृत हैं। इसके अलावा एक्स काडर पद पर दो और डीजी बनाए जा सकते हैं। मतलब कुल जमा 4 डीजी छत्तीसगढ़ में हो सकते हैं जबकि इस बार राज्य में 6 डीजी हो गए हैं जो कि नियम संगत नहीं है ऐसा बताया जाता है।
किस-किस को मिली पदोन्नति
6 अक्टूबर… प्रदेश में तकरीबन सभी को मालूम हो जाता है कि चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता अब लगने ही वाली है। इसी दौरान राज्य केबिनेट की बैठक होती है। इसी बैठक में एडीजी पद पर पदस्थ संजय पिल्ले, आरके विज व मुकेश गुप्ता को आनन-फानन में डीजी के पद पर पदोन्नत कर दिए जाने का आदेश निकलता है।
इसके बाद जब खबर की तह तक जाया जाता है तो नियम-कायदे-कानून पता चलते हैं। राज्य में डीजी के जो चार पद स्वीकृत हैं उनमें से मात्र एक पद रिक्त था। इस पद पर पदोन्नत होने के लिए वरिष्ठता के हिसाब से संजय पिल्ले का नाम जनवरी से चर्चा में था।
संजय पिल्ले के साथ इस पद पर प्रमोट किए गए आरके विज व मुकेश गुप्ता को लेकर कई तरह की बात की जा रही है। बताया जाता है कि डीजी पद से रिटायर हुए एमडब्लू अंसारी के स्थान पर एक को पदोन्नति मिल सकती थी जबकि दो अन्य को सरकार ने पदोन्नति देकर नियम विरुद्ध कार्य किया है।
हमने चुनाव आयोग से शिकायत की है। कांग्रेस की मांग है कि आचार संहिता लगने के एक घंटा पहले हुई राज्य केबिनेट की बैठक में नियम विरुद्ध तरीके से प्रमोट किए गए डीजी के आदेश को लागू नहीं किया जाए।
भूपेश बघेल, अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमेटी