रायपुर।
लीजिए, प्रदेश के मुखिया भटक गए..। हालांकि ये सारा माजरा सिर्फ गलतफहमी का नतीजा था। मंगलवार को सीएम लिंजिर गांव के लिए हेलीकॉप्टर से रवाना हुए और पहुंच भी गए। लेकिन हेलीकॉप्टर के लैंड होने के बाद पता चला कि सीएम उसी नाम के दूसरे गांव पहुंच गए हैं। गफलत के इस मामले के बाद विमान दोबारा उड़ा और अपने सही ठिकाने पर आधे घंटे की देरी से पहुंचा।
लोक सुराज अभियान के तहत मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह हेलीकाप्टर में सवार होकर रायगढ़ जिले के बरमकेला विकासखंड के लिंजिर गांव जा रहे थे। उनके साथ मुख्य सचिव विवेक ढांड और सचिव सुबोध सिंह भी थे। हेलीकाप्टर उतरा तो लिंजिंर में ही, लेकिन ये वो लिंजिर नहीं था, जहां सीएम को समाधान शिविर में शामिल होना था। ये लिंजिंर था पुसौर विकासखंड का।
लिंजिर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने तेन्दूपत्ता मजदूरों से मुलाकात की और वहां चल रहे संग्रहण कार्य का निरीक्षण किया। डॉ. सिंह समाधान शिविर में भी शामिल हुए। उन्होंने ग्रामवासियों को बताया कि राज्य सरकार ने इस वर्ष पत्ते की संग्रहण दर 1500 रूपए से बढ़ाकर 1800 रूपए प्रतिमानक बोरा तय कर दिया है। इसके अलावा उन्हें प्रोत्साहन पारिश्रमिक बोनस भी दिया जाएगा। तेन्दूपत्ते के कारोबार से समिति को जितनी आमदनी होगी, उसका 80 प्रतिशत हिस्सा संग्राहकों को बोनस के रूप में मिलेगा।
न करें धान की खेती
डॉ. रमन सिंह ने ग्राम लिंजिर के समाधान शिविर में आस-पास के गांवों से बड़ी संख्या में आए किसानों और क्षेत्र के ग्रामवासियों को सम्बोधित किया। किसानों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने उनसे गर्मी में धान की खेती नहीं करने की अपील की। उन्होंने कहा- एक किलो धान की पैदावार लेने में गर्मियों में लगभग तीन हजार लीटर पानी खर्च होता है। इसके बदले हमें रबी की अन्य फसलों की खेती पर ध्यान देना चाहिए। डॉ. सिंह ने जिला कलेक्टर से कहा कि वे समस्यामूलक क्षेत्रों को चिन्हांकित कर वहां गर्मियों में नलकूप खनन पर रोक लगाएं, ताकि भू-जल स्तर को संतुलित रखा जा सके। मुख्यमंत्री ने यह जानकर खुशी जताई कि विकासखंड बरमकेला के चार बच्चों ने इस वर्ष दसवीं बोर्ड की परीक्षा में टॉप-10 विद्यार्थियों में अपनी जगह बनायी है। डॉ. सिंह ने इन बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।