नेशन अलर्ट/रायपुर.
राज्य संवर्ग के भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को शासन ने पदोन्नति दे दी। 1988 व 1989 बैच के दो-दो अधिकारी, 1990 बैच के तीन अधिकारी और 1991 बैच के दो अधिकारी पदोन्नति प्राप्त करने के बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) बन गए हैं।
यह आदेश वन एव जलवायु परिवर्तन विभाग की संयुक्त सचिव पुष्पा साहू के हस्ताक्षर से 20 सितंबर की तिथि में जारी हुआ है। राज्य संवर्ग अंतर्गत वन सेवा अधिकारियों को गैर कार्यात्मक आधार पर पीसीसीएफ के समकक्ष वेतनमान प्रदाय किए जाने की व्यवस्था की गई है। हालांकि यह व्यवस्था सिर्फ एक ही बार के लिए उपलब्ध रहेगी। मतलब जैसे जैसे अधिकारी सेवानिवृत्त होंगे यह व्यवस्था स्वत: समाप्त होती जाएगी।
किस अधिकारी की कितनी सेवा हुई
उल्लेखनीय है कि पदोन्नत हुए अधिकारियों में 30 साल से लेकर 33 साल तक की सेवा अवधि वाले अधिकारी शामिल हैं। इनमें 30 साल की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले दो अधिकारी, 31 साल की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले तीन अधिकारी, 32 साल की सेवा पूर्ण करने वाले एक अधिकारी और 33 साल की सेवा अवधि पूरी करने वाले दो अधिकारी शामिल हैं।
इन अधिकारियों में सबसे नजदीकी सेवानिवृत्ति 30 अक्टूबर 2022 है। इसी तरह सबसे लंबी अवधि 30 सितंबर 2025 है। यह आदेश इस वर्ष 7 जुलाई को राज्य मंत्री परिसद में लिए गए निर्णय के मुताबिक जारी किया गया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली के पत्र क्रमांक 15011/01/2019-आईएफएस-।। दिनांक 19 सितंबर को इस संदर्भ में राज्य सरकार को परामर्श मिला था। इस आधार पर 1988 से 1991 बैच तक अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक पद पर पदस्थ आठ अधिकारियों को पदोन्नति दी गई है। पदोन्नति 1 जनवरी 2022 से मिली है।
आदेश की कॉपी देखिए :