कोरोना काल : 22.7 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 45.6 किमी प्रति घंटे हुई मालगाडि़यों की गति

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नईदिल्ली.

भारतीय रेलवे ने पिछले पांच महीनों में टिकटों से होने वाली कुल कमाई की तुलना में अधिक पैसा वापस किया है. भारतीय रेल के 167 साल के इतिहास में यह पहली बार हुआ है.

कोरोना वायरस महामारी के चलते देश में यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद है, जिसके चलते रेलवे को टिकट बुकिंग से कमाई नहीं हो रही है. हालांकि इस दौरान रेलवे को फ्रेट सेगमेंट से आय हो रही है.

अगस्त के पहले 15 दिनों में माल ढुलाई से आय एक साल पहले दर्ज की गई कमाई को पार कर गई है और पिछले एक सप्ताह में 3.4% की बढ़ोतरी हुई है.

कोरोना काल में पिछले साल की तुलना में मालगाड़ियों की रफ्तार दोगुनी हो गई है. इस दौरान मालगाड़ियों की स्पीड 22.7 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 45.6 किमी प्रति घंटे हो गई.

कोरोना काल में यात्री ट्रेनों के बंद होने से मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ गई है. ईस्टर्न रेलवे जोन ने अगस्त में मालगाड़ियों की औसत गति में अधिकतम बढ़ोतरी दर्ज की है.

अगस्त 2019 में मालगाड़ियों की औसत स्पीड 17.7 किमी प्रति घंटे थी जो इस महीने बढ़कर 57.5 किमी प्रति घंटे हो गई.

11 अगस्त तक रेलवे को यात्री ट्रेनों की बुकिंग से 2,368 करोड़ रुपये की कमाई हुई जबकि ट्रेनों के कैंसिल होने से उसने 2,628 करोड़ रुपये रिफंड किए.

रेल मंत्रालय ने कहा है कि वे इस वित्तीय वर्ष के दौरान लगभग 50,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के विरुद्ध पैसेंजर सेगमेंट से 15 फीसदी से अधिक रेवेन्यू की उम्मीद नहीं है.

2019 में रेलवे ने कुल 3,660.08 करोड़ रुपये का रिफंड किया था, लेकिन ट्रेनों के सामान्य परिचालन से उसकी कमाई 17,309 करोड़ रुपये हुई थी. यह पहली बार हुआ है जब उसने टिकट बुकिंग से हुई आय से अधिक यात्रियों को वापस किया है.

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