नीति और नीयत के अंतर पर आप ने उठाई आवाज़

शेयर करें...

नेशन अलर्ट / 97706 56789

रायपुर.

छत्तीसगढ़ की अर्थ व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार की नीति और नीयत पर संदेह जताया जा रहा है. आम आदमी पार्टी ( आप ) ने इस विषय पर आवाज़ उठाते हुए राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा है.

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी के बीच कोरोना महामारी के चलते युवा दोहरी परेशानी से जूझ रहे हैं. इस विषय पर पिछले कुछ समय से आप आंदोलनरत है.

प्रदेश संयोजक कोमल हुपेंडी के प्रदर्शन को जिलों से सहयोग मिलने लगा है. आज बेमेतरा जिला अध्यक्ष अंजोर दास, रोमन पांडे, कपूर चंद गोयल अन्य पदाधिकारियों के साथ अनशन पर बैठे देवलाल नरेटी का सहयोग करने पहुंचे थे.

आम और खास के लिए अलग-अलग कानून

आप के प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल किया है.प्रदेश सचिव उत्तम जायसवाल कटाक्ष करते हुए कहते हैं कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए प्रदेश में अलग-अलग कानून है.

यूथ विंग प्रेसीडेंट तेजेंद्र तोडेकर बताते हैं कि बिना मास्क पहने निकलने पर आम जनता पर तो कार्रवाई हो रही है लेकिन इस तरह की कार्रवाई राजनीतिक दलों से जुडे़ लोगों के मामले में नज़र नहीं आती. वे सवाल करते हैं कि ऐसा हो क्यूं रहा है?

पुलिस पर धमकाने का लगाया आरोप

आप के पदाधिकारियों ने पुलिस पर धमकाने का आरोप लगाया है. आप पदाधिकारियों के मुताबिक धारा 144 व 188 के सहारे धमकाते हुए कानूनी कार्रवाई करने का रौब पुलिस जताती है.

और तो और आंदोलन को असफल बनाने की राज्य सरकार की मंशा का पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती कराने का भी काम किया है. राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में इन्हीं बिंदुओं को उठाया गया है.

14 हजार 580 शिक्षकों की नियुक्ति का है मामला

ज्ञात हो कि प्रदेश में लंबित 14 हजार 580 शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर आप के पदाधिकारी गत 3 जुलाई से अनशन पर बैठे हुए हैं. आप के अनुसार सरकार इस नियुक्ति को लेकर राज्य की जनता से झूठ बोल रही है.

आप के पदाधिकारी मुन्ना बिसेन कहते हैं इन शिक्षकों को नियुक्ति सरकार के कहे अनुसार वित्तीय स्थिति के चलते नहीं मिल पा रही है जबकि ऐसा है नहीं.

वो सवाल करते हैं कि राज्य की अर्थ व्यवस्था चौपट यदि है तो फिर संसदीय सचिवों की नियुक्ति अथवा निगम मंड़ल में पदाधिकारी क्यूं और कैसे बनाए जा रहे हैं?

उनके शब्दों में दरअसल, छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिति की सच्चाई “हाथी के दिखाने के दांत कुछ और बताने के कुछ और” सरीखी है. यह सरकार के विज्ञापनों से भी झलकता है.

मंत्रिमंडल की बैठक पर भी इसका कोई असर नज़र नहीं आता. उल्टे मंगलवार को हुई केबिनेट मीटिंग में बताया गया कि 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में राज्य को बेहतर राजस्व प्राप्त हुआ है. कहा गया कि छत्तीसगढ़ में कभी वित्तीय समस्या नहीं रही.

ऐसे में वित्तीय स्थिति को झूठे तौर संकटग्रस्त बताते हुए राज्य के 14 हजार 580 चयनित शिक्षकों की नियुक्ति को रोके रखना न केवल गलत है बल्कि उनके साथ अन्याय है. ऐसा कर राज्य सरकार अपनी नीति और नीयत पर स्वयं सवालिया निशान लगा रही है.

केबिनेट पर कार्रवाई की मांग

आप के उत्तम जायसवाल, तेजेंद्र तोडेकर, मुन्ना बिसेन आदि ने राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में केबिनेट पर ही कार्रवाई किए जाने की मांग की है. उनके मुताबिक मंत्रिमंडल की बैठक में महामारी अधिनियम का पालन नहीं किया गया.

प्रदेश के मुखिया के साथ सभी मंत्रियों, नवनियुक्त संसदीय सचिवों ने अपनी एक फोटो खिंचवाई है जोकि गलत है. कईयों ने अपने चेहरे पर मास्क भी नहीं लगाया था. इस अनुचित कार्य का आप ने विरोध किया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *