चार सौ बीसी का जुर्म दर्ज होते ही फरार हुआ दादा ट्रेवल्स का संचालक

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राजनांदगांव.

विधानसभा उपचुनाव में लगाई गईं बसों के बिल में फर्जीवाडा़ पकड़ में आया है. मामले में राजधानी रायपुर की पुलिस द्वारा चार सौ बीसी का जुर्म दर्ज किए जाने के बाद से दादा ट्रेवल्स का संचालक राजेश बाफना राजनांदगांव से फरार हो गया है.

उल्लेखनीय है कि दंतेवाड़ा के विधायक रहे भीमा मंडावी के नक्सली हमले में मारे जाने के चलते वहां उपचुनाव कराना पडा़. उपचुनाव शांतिपूर्वक हो इसके लिए बडी़ तदाद में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी.

सुरक्षा बलों को दंतेवाडा़ ले जाने व वहां से लाने के लिए पुलिस प्रशासन को किराए की बसों की जरुरत पडी थी. दादा ट्रेवल्स ने दंतेवाडा़ विधानसभा उपचुनाव में अपनी बसें पुलिस प्रशासन को उपलब्ध करवाईं थी.

13 की जगह 26 लाख का बिल

बताया जाता है कि किराए में उपलब्ध करवाईं गईं बसों के बिल में फर्जीवाडा़ किया गया. जहां 17 बसें उपलब्ध करवाईं गईं थी वहीं 32 बसों का बिल प्रस्तुत किया गया.

कुल मिला कर लगभग 13 लाख की जगह तकरीबन 26 लाख गलत तरीके से लेने की कोशिश की गई. रायपुर पुलिस की एमटीओ शाखा ने मामले में संदेह होने पर बिलों की विभागीय स्तर पर जांच कराई.

इसी जांच में खुलासा हुआ कि बिना अधिग्रहण के दादा ट्रेवल्स के संचालक राजेश बाफना द्वारा 15 अतिरिक्त बसों का बिल प्रस्तुत किया गया है.जांच उपरांत इसकी शिकायत रक्षित केंद्र रायपुर में पदस्थ उप निरीक्षक राजकुमार द्विवेदी द्वारा कोतवाली रायपुर में की गई.

कोतवाली रायपुर में पदस्थ आरके पात्रे बताते हैं कि कुलजमा 25 लाख 21 हजार 720 रुपए के बिल दादा ट्रेवल्स के संचालक राजेश बाफना द्वारा जमा कराए गए थे. शासकीय राशि का फर्जी बिलों के सहारे आहरण की कोशिश पर अपराध दर्ज किया गया है.

बहरहाल, अपने विरुद्ध चार सौ बीसी सहित मूल्यवान प्रतिभूति को बनाने या हस्तांतरण की कूटरचना पर भादंवि की धारा 467 का मामला दर्ज होने के बाद से राजेश बाफना राजनांदगांव से फरार बताया जा रहा है.

उस पर आरोप है कि उसने धोखे के लिए कूटरचना की जिस पर धारा 468, धोखेबाजी के उद्देश्य से सही प्रतीत होने वाले फर्जी बिलों को तैयार किया जिस पर धारा 471 का जुर्म दर्ज किया गया है.

इसके अतिरिक्त उस पर धारा 472 भी लगाई गई है जोकि कूटरचना करने के प्रयोजन के लिए लाई जाती है लगाई गई है. राजेश को लेकर आशंका है कि फर्जीवाडे़ के इस मामले में उसके साथ अन्य लोग भी शामिल हैं जिस पर धारा 34 लगाई गई है.

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