पुरी में बनेगी वर्ल्ड हैरिटेज सिटी

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भुवनेश्वर.

भगवान जगन्नाथ की नगरी पुरी को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी बनाने में उड़ीसा की नवीन पटनायक सरकार जुट गई है. जगन्नाथ मंदिर के 75 मीटर के दायरे में आने वाली जमीन को सरकार ले रही है. लोग भी स्वस्फूर्त होकर जमीन दे रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि अधिग्रहण की जाने वाली जमीन का 75 प्रतिशत निजी लोगों की है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पहल के बाद इन सभी निजी भू स्वामियों ने वर्ल्ड हेरिटेज सिटी बनाने के लिए अपनी स्वामित्व वाली जमीन छोड़ देने का निर्णय लिया था.

अब यही काम पूर्णत: की ओर है. श्रीमंदिर सिक्यूरिटी जोन के नाम से जमीन अधिग्रहण का काम किया जा रहा है. लोगों की रूचि को देखते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उनका आभार जताया है.

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने देश विदेश में प्रसिद्ध भारत के 17 पर्यटन स्थलों को विश्व स्तरीय बनाने की घोषणा की थी. इसके लिए बजट प्रावधान भी किया गया था.

दुर्भाग्य देखिए कि इसमें उड़ीसा का एक भी पर्यटन स्थल शामिल नहीं था. इससे सरकार के साथ साथ भगवान जगन्नाथ के भक्त भी नाराज थे. अंतत: उड़ीसा सरकार ने अपने दम पर पुरी को वर्ल्ड हेरिटेज बनाने का काम अपने हाथ में लिया.

उड़ीसा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज बीपी दास की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई. पुरी जहां 16 हजार मंदिर और साढ़े चार सौ मठ बताए जाते हैं वहां समिति की रपट के अनुसार ध्वस्तीकरण की कार्यवाही पूरी की गई.

इस पर पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने ऐतराज जताया था लेकिन वह बेअसर रहा. शंकराचार्य का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा भेजे गए न्यायमित्र और दास आयोग ने किसी तरह की राय मशविरा नहीं की है. इसके बावजूद अब काम बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है.

बताया जाता है कि श्रीमंदिर के 75 मीटर के दायरे में आने वाले ढांचों को तोडऩे का काम अब पूर्णत: की ओर है. लोगों ने इस तरह की कार्यवाही का कोई विरोध नहीं किया. अब विकास कार्य जल्द शुरू हो जाएंगे.

इसके लिए तकरीबन पांच सौ करोड़ रूपए का खर्च सरकार करेगी. इसके लिए जगन्नाथ मंदिर व उसके आसपास के क्षेत्र के विकास के लिए यह राशि खर्च करने का निर्णय हुआ है.

वर्षों तो छोडि़ए बल्कि एमार मठ, लंगुली मठ के ढांचे भी गिरा दिए गए जोकि सदियों पुराने थे. आज की तारीख में सिर्फ इनका मंदिर ही शेष है.

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