एडीजी से डीजी बन सकते हैं आईपीएस जुनेजा

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रायपुर.

छत्तीसगढ़ पुलिस में संभवत: एक बार फिर विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) बैठ सकती है. इस बार डीपीसी होने पर सर्वाधिक फायदा आईपीएस अशोक जुनेजा को होता हुआ नजर आ रहा है जो कि इन दिनों अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) हैं.

दरअसल, राज्य सरकार के पास पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों की कमी हो गई है. डीजी रैंक के तीन अधिकारी वर्ष 2019 में सेवानिवृत्त हो गए.

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आईपीएस गिरधारीलाल नायक, आईपीएस एएन उपाध्याय के बाद अब आईपीएस वीके सिंह के रिटायरमेंट के चलते छत्तीसगढ़ पुलिस में अब महज डीजीपी डीएम अवस्थी बच गए हैं.

पहले हुई थी पदोन्नति लेकिन . . .

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में भाजपा सरकार के समय, पूर्व में पदोन्नति हो चुकी है. चूंकि केंद्रीय गृह मंत्रालय से पदोन्नत पदों की अनुमति नहीं ली गई थी इसके चलते राज्य में आई कांग्रेस सरकार ने इसे निरस्त कर दिया.

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भाजपा सरकार के समय हुई पदोन्नति के दौरान आईपीएस संजय पिल्ले, आईपीएस आरके विज सहित आईपीएस मुकेश गुप्ता स्पेशल डीजी के पद पर पदोन्नत हो गए थे. चूंकि आईपीएस गुप्ता के खिलाफ राज्य में अनगिनत जांच चल रही है इसके चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया.

साथ ही साथ आईपीएस मुकेश गुप्ता, आईपीएस संजय पिल्ले व आईपीएस आरके विज की पदोन्नति भी निरस्त कर दी गई. इसके चलते तीनों अफसर पुन: डीजी से एडीजी बना दिए गए.

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अब जबकि एक बार फिर से डीपीसी बैठने की खबर सुनाई दे रही है तो महत्वपूर्ण यह हो जाता है कि इस बार किसकी लॉटरी खुल सकती है. आईपीएस संजय पिल्ले और आईपीएस आरके विज की पदोन्नति तो तय है लेकिन आईपीएस अशोक जुनेजा इस मामले में भाग्यशाली कहे जा सकते हैं.

आईपीएस अशोक जुनेजा यदि पदोन्नत होकर एडीजी से डीजी बनते हैं तो फिर छत्तीसगढ़ पुलिस में बड़े स्तर पर आमूलचूल परिवर्तन होगा. तब कईयों के प्रभार बदल दिए जाएंगे. हालांकि राज्य सरकार ने डीपीसी की अनुमति मांगी है लेकिन इसके पहले से ही सुगबुगाहट शुरू हो गई है.

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