मप्र बांटेगा मोबाइल, छग में बढ़ेगा तनाव

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भोपाल/रायपुर.

मध्यप्रदेश सरकार तकरीबन 70 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल बांटने वाली है. इसकी खरीदी की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने मध्यप्रदेश के लघु उद्योग निगम को सौंप भी दी है. मध्यप्रदेश के इस फैसले से पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में तनाव बढऩे की आशंका जताई जाने लगी है.

दरअसल मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने दस हजार रूपए मूल्य के मोबाइल बांटने का जो फैसला लिया है उसकी अनुगूंज आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में सुनाई देने लगेगी.

दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में इन दिनों कांग्रेस सत्ता में है. यदि एक राज्य की कांग्रेस सरकार कोई फैसला लेती है तो दूसरे राज्य की जनता उसी तरह की मांग को पूरा करने की उम्मीद अपने यहां की राज्य सरकार से करने लगती है.

मध्यप्रदेश में फिलहाल एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं. इनमें से तीस हजार को पूर्व में मोबाइल दिया जा चुका है. अब शेष बचे 70 हजार कार्यकर्ताओं को मोबाइल बांटने का फैसला लिया गया है.

मध्यप्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग ने मोबाइल खरीदने की जिम्मेदारी देते हुए इसकी निविदा भी आमंत्रित करवा ली है.

प्रदेश के 43 हजार बच्चे एक ओर जहां कुपोषित बताए जाते हैं वहीं दस हजार रूपए मूल्य का मोबाइल 27 हजार 817 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को देने का निर्णय लिया गया है.

मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने इस तरह की योजना शुरू की थी. तब जितने मोबाइल बंटने थे बंट गए लेकिन इसके बावजूद अभी भी 69 हजार 218 कार्यकर्ताओं के पास मोबाइल नहीं है. विभाग का मानना है कि इसके चलते कुपोषण की सतत निगरानी में दिक्कत आ रही है.

इसका आगामी दिनों में असर छत्तीसगढ़ में देखा जा सकता है. वहां पर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इसी तरह की मांग कर सकते हैं. यदि ऐसी मांग छत्तीसगढ़ में उठती है तो इसका असर उन सभी राज्यों में भी होगा जहां पर कांग्रेस की सरकार है.

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