चुनाव आयोग की रोक से नहीं मिल रहा सस्ता प्याज

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रांची.

देशभर में प्याज की बढ़ती कीमतों के बीच झारखंड से नई खबर निकलकर सामने आ रही है. यहां पर सस्ते प्याज की योजना पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दी है. ऐसा झारखंड मुक्ति मोर्चा की शिकायत पर किया गया है जिससे जनता परेशान हो रही है.

उल्लेखनीय है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव ने गत दिनों रांची के जिलाधीश से इस संबंध में शिकायत की थी. इस पर अब कार्यवाही की गई है.

सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी व प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी बेड़ो की संयुक्त जांच में हालांकि किसी भी राजनीतिक दल को इसमें संलिप्त नहीं पाया गया है.

चूंकि झारखंड में भाजपा की सरकार है इसके चलते मामले में उस पर सवालिया उंगली उठ रही है. निर्वाचन आयोग ने अब नैफेड के एमडी को नोटिस थमा दी है.

उन्होंने इसमें पूछा है कि किसकी अनुमति से यह सस्ती दर पर प्याज बांटा जा रहा था और इसकी सबसिडी किस मद से पूरी की जाएगी.

निर्वाचन आयोग के इस तरह के फैसले के बाद रांची में अब प्याज की जब्ती का भी अभियान शुरू कर दिया गया है. हाल ही में सदर एसडीओ के नेतृत्व में एक टीम ने बिस्कोमान का रातू गोदाम में छापा डाला.

इस गोदाम में रखे गए तीस टन प्याज सहित बारह गाडिय़ां जब्त कर ली गई है. क्षेत्रिय वरिष्ठ प्रबंधक एपी सिंह बताते हैं कि इस गोदाम में 192 टन प्याज आया था. इसमें से 150 टन से अधिक बिक गया है.

दरअसल राज्य के कई शहरों में स्टाल लगाकर प्याज बेचा जा रहा था. और तो और गली मोहल्लों में घूम घूमकर 35 रूपए किलो की दर पर इसकी बिक्री की जा रही थी.

80-90 रूपए प्रतिकिलो की दर पर खुदरा बाजार में प्याज बिक रहा है. इससे कम कीमत पर प्याज बेचे जाने से भले ही लोगों को फायदा हो रहा हो लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इसे शिकायत का आधार बनाया.

उसके महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना था कि यह सरकार की घूस देने की प्रवृत्ति है. इस पर इस तरह की रोक से करारा तमाचा लगा है. साथ ही साथ यह भी साबित हुआ है कि स्टाक में प्याज है.

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