फिर उठा पनामा पेपर लीक और नान का मुद्दा

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नेशन अलर्ट.
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रायपुर.

मुख्यमंत्री-पूर्व मुख्यमंत्री के बीच चल रहे ट्विटर वॉर के बाद एक बार फिर से प्रदेश में पनामा पेपर लीक और नागरिक आपूर्ति निगम (नान) का मुद्दा उठ खड़ा हुआ है. ताज्जुब की बात यह है कि दोनों ही सरकारों ने इन दोनों विषयों पर बहुत सी बातें की लेकिन कार्यवाही के नाम पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया.

दरअसल मुख्यमंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री के बीच के संबंधों में तल्खी शुरू से दिखाई देती रही है. दोनों गाहे बेगाहे एक दूसरे पर प्रहार करने से चूकते भी नहीं हैं.

इस बार धान के समर्थन मूल्य पर दोनों में जो ट्विटर वॉर छिड़ा उससे गड़े मुर्दे फिर उखड़ रहे हैं. इस मर्तबा ट्विटर वॉर की शुरूआत पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से की गई.

पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा था कि :

कमेटी के कंधों पर अपने वायदे कब तक लादोगे,
हर मोड़ पर जनता पूछेगी कितनी दूर तलक भागोगे.

इसके बाद जवाब देने की बारी आई मुख्यमंत्री की. उन्होंने जो जवाब दिया उससे नागरिक आपूर्ति निगम व पनामा पेपर लीक कांड एक बार फिर से चर्चा में आ गया है.

मुख्यमंत्री की ओर से कहा गया कि :

कैसे कैसे यह मंजर सामने आने लगे,
नान वाले धान पर सवाल उठाने लगे.
वादा किया है किसानों से, हर हाल में निभायेंगे
पनामा नहीं किसानों की जेब भरकर दिखाएंगे.

इससे पनामा पेपर लीक व नान का कथित घोटाला एक बार फिर से प्रदेश में सुर्खियां बटोरने लगा है. दोनों मामले पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय के हैं. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री और उनका परिवार आरोपी ठहराया जाते रहा है.

पूर्व मुख्यमंत्री के सुपुत्र जो कि पूर्व सांसद रह चुके हैं पनामा पेपर लीक मामले में चर्चा में रहे थे. उनके नाम से खुले खाते में क्या कुछ कैसे और कब गया यह भले जांच का विषय हो लेकिन इस पर प्रदेश में कांग्रेस ने बहुत हल्ला मचाया था.

इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री के समय हुए नान के कथित घोटाले में भी कांग्रेस हमलावर रही थी. लेकिन सरकार में आते ही उसके सुर बदलने लगे. उसने मामले में सबसे पहले उन अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को पदस्थ किया जिन पर चाहते हुए भी भाजपा कृपा दृष्टि नहीं बरसा पाई थी.

अखिल भारतीय सेवा के एक अधिकारी तो आजकल सरकार के सरदार के खासमखास बताए जाते हैं. उन पर कितना कुछ भरोसा कांग्रेस करती है यह इस बात से समझा जा सकता है कि वह प्रदेश के अन्य आईएएस-आईपीएस अफसरों को पद स्थापना दिलाने में रूचि दिखाते हुए बताए जाते हैं.

बहरहाल, यह ट्विटर वॉर अब यहां थम गया है अथवा जारी रहेगा इस पर नेशल अलर्ट कुछ नहीं कहता लेकिन इतना जरूर लिखेगा कि नान-पनामा पेपर लीक मामले को उठाकर मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा क्या कुछ किया जा रहा है इस पर लिखने पढऩे हम जैसे पत्रकारों को मजबूर कर दिया है.

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