क्या 50 करोड़ में भाजपा प्रवेश कर रहे विधायक?

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रायपुर.

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके के नाम से एक पत्र जारी किया गया है. इस पत्र में उल्लेख है कि भाजपा प्रवेश करने वाले एक एक विधायक को 50 करोड़ रूपए दिए जाएंगे. जिस व्यक्ति के नाम से यह पत्र लिखा गया है उस व्यक्ति को केबिनेट मंत्री का ओहदा दिए जाने का उल्लेख पत्र में किया गया है.

हालांकि राज्यपाल अनुसुईया उइके ने इस पर आपत्ति की है. उन्होंने पुलिस महानिदेशक को इस पर जुर्म दर्ज करने के लिए कहा है. उन्होंने यह भी कहा कि इसके पहले भी उनके फर्जी दस्तखत बनाकर एक और चिट्ठी जारी की गई थी.

“छत्तीसगढ़” ने प्रमुखता से छापी है खबर

दरअसल यह मामला सांध्य दैनिक “छत्तीसगढ़” में खबर प्रकाशन के बाद चर्चा में आया है. “छत्तीसगढ़” ने अपनी खबर में लिखा है कि किसी भाजपा कार्यकर्ता को कांग्रेस विधायक खरीदने कहा गया है.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उईके के नकली दस्तखत से एक सनसनीखेज चिट्ठी बनाई गई है. उनकी तरफ से यह चिट्ठी उनके पिछले कार्यालय, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के लेटरहैड पर टाईप की गई है.

इस पत्र को छत्तीसगढ़ के किसी भाजपा कार्यकर्ता मोहित राम को लिखा बताया गया है. अखबार ने इस पर राज्यपाल से उनका पक्ष जानने का भी प्रयास किया. यह पत्र राज्यपाल को भेजा गया था जिसे देखकर उन्होंने पत्र को फर्जी करार दिया है.

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल ने “छत्तीसगढ़” अखबार को बताया कि किस तरह से पिछले कुछ समय ऐसी जाली चिट्ठियां बनाकर छत्तीसगढ़ के आदिवासी विधायकों के पते पर भेजी गई थी.

राज्यपाल के मुताबिक चूंकि विधायकों के पते सही नहीं लिखे हुए थे इसलिए ये चिट्ठियां प्रेषक के पते पर छिंदवाड़ा वापिस लौट गई. उन्होंने बताया कि इन चिठ्टियों को भेजने वाले ने अपना नाम जितेन्द्र ठाकुर लिखा था.

राज्यपाल अनुसुईया उइके के मुताबिक उनके पीए का नाम जितेन्द्र सोलंकी है. इसलिए ऐसी कई चिठ्टियां उनके पते पर पहुंची जो कि उन्होंने भेजी ही नहीं थी. उन्होंने कहा कि वे छिंदवाड़ा पुलिस में इस बारे में पहले ही रिपोर्ट दर्ज करा चुकी हैं. फिलहाल पुलिस जांच कर रही है.

उन्हें इस बात का अंदाजा है कि छिंदवाड़ा का कौन व्यक्ति यह काम कर रहा है, लेकिन जांच में साबित होने तक वे उसका नाम लेना उचित नहीं समझती हैं. उन्होंने कहा कि वे छत्तीसगढ़ पुलिस को अपना संदेह बता देंगी ताकि जांच में आसानी हो सके.

लोकसभा चुनाव के मतदान के ठीक एक दिन पहले उनके फर्जी दस्तखत बनाकर ऐसी ही एक दूसरी चिट्ठी फैलाई गई थी. इसमें लिखा गया था कि वे (अनुसुईया उईके) सुमित्रा महाजन और सुषमा स्वराज जैसी महिला नेताओं की उपेक्षा के खिलाफ भाजपा से इस्तीफा दे रही हैं.

राज्य की राज्यपाल अनुसुईया उइके के मुताबिक मतदान के ठीक पहले ऐसी चिट्ठी बनाकर लोगों को वॉट्सऐप पर भेजी गई थी. उन्होंने बताया कि छिंदवाड़ा पुलिस को जांच में कुछ समय लग रहा है क्योंकि वॉट्सऐप से जानकारी उसके अमरीका स्थित सर्वर से पुलिस जुटा रही है.

उन्होंने कहा कि इस चिट्ठी में जैसे फूहड़ और बचकाने तरीके से बातें लिखी गई हैं, वह किसी विचलित और विक्षिप्त दिमाग की उपज लगती हैं. उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि छत्तीसगढ़ पुलिस इस अपराधी तक पहुंच जाएगी.

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