गोदामों की कमी के कारण बर्बाद होता अनाज

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रायपुर.

छत्तीसगढ़ में एफसीआई के गोदामों की कमी के चलते अनाज की बर्बादी का क्रम लगातार जारी है. छत्तीसगढ़ में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के महज 38 गोदाम बताए गए हैं.

इन 38 गोदामों में 6.44 लाख टन अनाज का भंडारण हो पाता है. बीते साल कितना अनाज गोदाम की कमी के चलते बर्बाद हुआ इसका आंकड़ा केंद्र को छत्तीसगढ़ ने उपलब्ध नहीं करवाया था.

छत्तीसगढ़ जैसा ही हाल झारखंड-उत्तराखंड जैसे राज्यों का भी है. तीनों राज्यों को मिलाकर जितनी अनाज भंडारण की क्षमता वाले गोदाम होते हैं उससे दस गुना अधिक भंडारण क्षमता के गोदाम अकेले पंजाब में है.

झारखंड के संबंध में एफसीआई की जानकारी बताती है कि वहां 41 गोदाम उसके पास है. इनकी भंडारण क्षमता 3.62 लाख टन होती है.

उत्तराखंड में एफसीआई के महज 17 गोदाम है. इनकी भंडारण क्षमता 1.18 लाख टन होती है. उड़ीसा जैसे राज्य में एफसीआई के गोदामों की संख्या 52 होती है जिनकी क्षमता 4.94 लाख टन की है.

एफसीआई गोदामों के मामले में हरियाणा-पंजाब जैसे राज्यों में समृद्ध माना जा सकता है. अकेले हरियाणा में उसके पास 239 गोदाम है. इन गोदामों में 57.82 लाख टन अनाज का भंडारण हो सकता है.

पंजाब में भारतीय खाद्य निगम के पास कुल जमा 553 गोदाम बताए गए हैं. इन 553 गोदामों में 115.84 लाख टन अजान का भंडारण किया जा सकता है.

भारतीय खाद्य निगम के गोदामों की कमी के कारण अकेले झारखंड में 2.67 टन, उड़ीसा में 7108.82, उत्तराखंड में 7.53 व छत्तीसगढ़ में 18.02 टन अनाज वर्ष 2014-15 की अवधि में बर्बाद हो चुका है.

उड़ीसा में 25.94 टन, छत्तीसगढ़ में 7.11 टन अनाज की बर्बादी गोदामों की कमी के चलते 2015-16 में हो चुकी है. उड़ीसा में ही 1.36, छत्तीसगढ़ में 12.38 टन अनाज वर्ष 2016-17 में बर्बाद हो चुका है.

2017-18 के दौरान झारखंड में 44.58 टन अनाज की बर्बादी की खबर है. उड़ीसा में 0.32 टन अनाज की बर्बादी बताई गई है. इस अवधि में उत्तराखंड और छत्तीसगड़ के आंकड़े क्या थे इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है.

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