कोल माइनिंग : छग में चार साल के दौरान आठ खदान शुरू

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रायपुर.

कोयला उत्खनन के मामले में छत्तीसगढ़ में बीते चार साल के दौरान आठ खदानें शुरू हुई हैं. इस अवधि में देशभर में 55 खदान शुरू की गई हैं.

यह आंकड़ा वर्ष 2014 से 2018 के बीच का है. कोयले की नई खदानों के खुलने से सरकार को उम्मीद है कि कोयला आपूर्ति में वृद्धि होगी.

छग में कौन सी खदान शुरू हुई?

आठ खदानों में सबसे पहली खदान 5 मई 2015 को शुरू हुई थी. यह खदान परसा ईस्ट केते बासन बताई गई है. यह खदान पीआरवीडब्ल्यूएनएल छत्तीसगढ़ के नाम से कार्य कर रही है.

इसके बाद 12 नवंबर 2015 को गारे पेलमा में खदान शुरू की गई. यह एचआईएल के नाम से कार्य कर रही है.

20 नवंबर 2015 को ही चोटिया की खदान शुरू हुई. यह बीएसीएल छत्तीसगढ़ के नाम से कार्य कर रही है. 23 नवंबर 2015 को एक और खदान गारे पेलमा में शुरू हुई. यह यूजी कोलियारी एचआईएल के नाम से काम कर रही है.

31 जनवरी 2016 को छाल में खदान शुरू की गई. यह ओसीएल, एसीसीएल छत्तीसगढ़ के नाम से कार्य कर रही है. 31 जनवरी 2018 को तला इपली कोल माइनिंग प्रोजेक्ट एनटीपीसी छत्तीसगढ़ के नाम से खदान शुरू हुई.

26 अप्रैल 2018 को गारे पेलमा में कोयला खान एसीसीएल छत्तीसगढ़ के नाम से खदान स्वीकृत हुई. 24 अगस्त 2018 को चोटिया में ओसी कोयला खदान बीएसीएल छत्तीसगढ़ के नाम से खदान ने काम शुरू किया.

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