जोधपुर : वायु प्रदूषण में विश्व का 12वां सबसे प्रदूषित शहर

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जोधपुर.

जोधपुर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने विश्व के 12वें सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में स्थान दिया है. वायु प्रदूषण के मामले में यह खबर जोधपुरवासियों के लिए अच्छी नहीं मानी जा सकती.दरअसल अप्रैल से लेकर अब तक लगातार चल रही आंधी ने जोधपुर की हवा को स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल रहने दिया है.

आंधी के चलते धूल कण और वायु के एरोसाल के बीच फर्क नहीं कर पाने के चलते ऐसा हो रहा है. डब्ल्यूएचओ मानता है कि वायु प्रदूषण को मापने के लिए पांच मानक तय हैं.

पीएम-10 व पीएम-2.5 के अतिरिक्त धरती पर मौजूद ओजोन, सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड जैसी गैसें इस मानकों में शामिल बताई गई है.

जोधपुर में ये तीन गैस तो सुरक्षित स्तर पर ही हैं लेकिन समय समय पर चलने वाली आंधी के चलते यहां पीएम-10 और पीएम-2.5 के कण बहुतायत मात्रा में पाए जाते हैं.

पीएम-2.5 का मानक स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर प्रतिदिन होना चाहिए. इसी तरह पीएम-10 का मानक स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर प्रतिदिन होना चाहिए.

जोधपुर में इसके विपरित ये पांच गुना अधिक आ रहे हैं. प्रतिदिन चल रही आंधी के चलते ऐसा हो रहा है. पिछले करीब तीन माह से 300 के आसपास पीएम-10-पीएम-2.5 का स्तर बना हुआ है.

बताया जाता है कि पर्टिकुलेट मेटर (पीएम) में धूल, पानी, काला कार्बन, मिनरल, सोडियम क्लोराइड, अमोनिया, नाइट्रेट, सल्फेट जैसे तत्व होते हैं. ठोस व तरल का मिश्रण जोधपुर में धूल के कण में बदल जाता है.

जोधपुर में अधिकांश हिस्सा सिलिका का पाया गया है. अन्य हानिकारक तत्व कम है. फिर भी जोधपुर की हवा श्वांस, दमा जैसे मरीजों के लिए नुकसानदायक है. पीएम-10 ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.

यह फेफड़ों में जाकर वायुमार्ग को ब्लॉक कर देता है. जबकि पीएम-2.5 के कण अत्यधिक महीन होते हैं. इसके चलते ये फेफड़ों से निकलकर रक्त परिसंचरण तंत्र में आ जाते हैं.

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