छग की विकासगाथा के नाम पर एक करोड़ का घोटाला

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रायपुर.

छत्तीसगढ़ की विकासगाथा के नाम पर तकरीबन एक करोड़ का घोटाला हो गया है. यह घोटाला डॉ. रमन सिंह सरकार के समय का है. तब मुख्यमंत्री के साथ रमन सिंह के पास प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री का भी दायित्व हुआ करता था.

छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग में यह घोटाला हुआ है. तत्कालीन जनसंपर्क आयुक्त राजेश सुकुमार टोप्पो ने इस घोटाले को अंजाम दिया था. अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस पर क्या कार्यवाही करती है यह आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा.

छत्तीसगढ़ संदर्भ 2017 में हुई गड़बड़ी
छत्तीसगढ़ संदर्भ 2017 में छत्तीसगढ़ की विकासगाथा को शामिल किया गया था. प्रदेश के शासकीय महाविद्यालय में पढऩे वाले तकरीबन 71 हजार छात्रों को यह किताब बांटी जानी थी.

दावा किया गया था कि इस किताब को पढऩे के बाद छत्तीसगढ़ के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में लाभ मिल सकेगा. उन्हें कितना लाभ मिला यह तो हमें नहीं मालूम लेकिन किताब के नाम पर घोटाला हो गया.

बताया जाता है कि पुस्तिका के प्रकाशन को लेकर जनसंपर्क विभाग ने तब तीन मर्तबा कार्य आदेश जारी किए थे. 50 हजार प्रतियां छपवाने का पहला आदेश अंतिम आदेश में 80 हजार तक बढ़ा दिया गया.

8 जनवरी व 31 जनवरी 2018 को 25-25 हजार प्रतियों की छपाई का आदेश जनसंपर्क से जारी हुआ. 19 मार्च 2018 के आते तक फिर 30 हजार प्रतियां छपवाने ने का आदेश कर दिया गया.

नियमों के मुताबिक छपाई का कार्य जनसंपर्क विभाग की नोडल एजेंसी मानी जाने वाली संवाद से ही होना था लेकिन यहां इस नियम का भी पालन नहीं किया गया. 80 हजार प्रतियों की छपाई कयूमी प्रिंटिंग प्रेस से कराई गई.

80 हजार प्रतियों की छपाई के एवज में उक्त प्रिंटिंग प्रेस को धड़ल्ले से 86 लाख 30 हजार 272 रूपए का भुगतान कर दिया गया. मामला तब खुला जब इसे लेकर सूचना का अधिकार के तहत आवेदन लगाया गया. इसके बाद से अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.

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