राजपूत समाज ने छोड़ दी मृत्यु भोज की परंपरा

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बाड़मेर.

जिले के अकली गांव के राजपूत समाज ने मृत्यु भोज की परंपरा छोड़ दी है. यह गांव पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित है.

राजपूत समाज के प्रतापसिंह सोढ़ा बताते हैं कि रविवार को एक बैठक गांव में की गई थी. इसी बैठक में मृत्यु भोज त्यागने का निर्णय लिया गया है.

शराब भी नहीं पिलाई जाएगी
उनके अनुसार किसी परिवार में बुजुर्ग के निधन होने पर बारहवें दिन पांच पकवान जरूर बनेंगे. इसके लिए समाज ने कुछ नियम तय किए हैं.

सोढ़ा के मुताबिक अगर कोई इस नियम के खिलाफ जाता है तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा. उनके अनुसार बारहवें दिन शोक भंगाई के अवसर पर अब तक की जाने वाली शराब पिलाने की रस्म भी आगे से नहीं होगी.

उन्होंने बताया कि अब तक गांववालों के दबाव में आकर गम के बीच मृत्यु भोज के लिए पैसे जुटाने में लगना पड़ता था. अब चूंकि मृत्यु भोज त्याग दिया गया है तो लोगों को राहत मिलेगी.

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