लाखों खर्च करने के बाद सिर्फ नोटिस

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रायपुर।

शुरुआती दबाव के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री के दामाद पुनीत गुप्ता सरकार पर भारी दिख रहे हैं. उनकी हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें 4 सप्ताह का मौका दिया है जवाब दाखिल करने के लिए.

हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के बाद डबल बेंच ने भी डॉ गुप्ता को अग्रिम जमानत याचिका दे दी थी. इस फैसले से नाखुश छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

सरकार की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी की. इस दौरान बहस के बाद न्यायधीशों ने डॉ गुप्ता की अग्रिम जमानत पर सवाल उठाया कि 50 करोड़ के लगभग के भ्रष्टाचार होने के आरोप पर क्यूं आपको अग्रिम जमानत दी जाए? पर अदालत ने उन्हें इसका जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का मौका दे दिया.

पूरे वाक्ये के आखिर में फिर डॉ पुनीत गुप्ता, सरकार के हाथों से फिसलते नजर आ रहे हैं. इस घटनाक्रम में साफ है कि सुप्रीम कोर्ट से मिली मियाद तक डॉ गुप्ता के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई संभव नहीं है.

4 सप्ताह के वक्त के बाद डॉ पुनीत गुप्ता अपना जवाब दाखिल करेंगे. अगर अदालत उनके जवाब से संतुष्ट हो जाती है तो वह अग्रिम जमानत का फायदा उठाते रहेंगे.

लेकिन सुप्रीम कोर्ट को उनका जवाब संतुष्टिदायक नहीं मिला तो संभव है कि उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई हो. यह भी हो सकता है कि चार सप्ताह के बाद सुप्रीम कोर्ट फिर आगे की सुनवाई के लिए नई तारीख तय कर दे.

बहरहाल, अब तक तो लाखों खर्च करने के बाद भी सरकार डॉ पुनीत गुप्ता के खिलाफ कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पाई है. पहले हाईकोर्ट में सरकार को हार झेलनी पड़ी और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट से डॉ. गुप्ता को मिली मियाद पर सरकार कुछ नहीं कर पाई.

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