क्या उमा के चलते शिवराज का संतुलन बिगडा़?

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मध्यप्रदेश की भाजपा में आंतरिक राजनीति बड़ी तेजी से चल रही है. भोपाल सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ पार्टी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती को प्रत्याशी बनाए जाने की खबर से एक और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया है. इसका एहसास तब हुआ जब दमोह में उनसे पत्रकारों ने पूछ लिया तो उन्होंने कहा कि ‘मैं यहां नामांकन दाखिल करवाने आया हूं न कि प्रेस कांफ्रेस करने.’ उल्लेखनीय है कि शिवराज सिंह चौहान के पहले उमाश्री भारती ही मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री हुआ करती थी. हुगली कोर्ट में प्रस्तुत होने के दौरान उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. तब बाबूलाल गौर मुख्यमंत्री बनाए गए थे लेकिन उन्हें हटाकर शिवराज सिंह चौहान को कमान सौंप दी गई थी. अब उमाभारती के वापस मध्यप्रदेश में सक्रिय हो जाने से शिवराज सिंह चौहान को खतरा बना हुआ है. वह किसी भी हाल में मध्यप्रदेश की राजनीति में उमाश्री भारती के सक्रिय होने को रोकने तैयार बैठे हुए हैं. इसी कड़ी में उन्होंने खुद भोपाल सीट से लडऩे की बात की थी लेकिन पार्टी के अलावा आरएसएस इससे सहमत नहीं हुआ था.

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