जापान सरकार किस भारतीय युवा की हुई दीवानी

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उदयपुर.
जापान सरकार भारतीय युवा नारायणलाल गुर्जर के वाटर रिटेंशन सिस्टम की दीवानी हो गई है. जापान की ओकीनावा विश्वविद्यालय से नारायणलाल को 65 लाख का ऑफर मिला है.

उदयपुर स्थित महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सीटीएई कॉलेज में कृषि अभियांत्रिकी के तृतीय वर्ष के छात्र नारायणलाल गुर्जर हैं.

उन्होंने वेस्ट मटेरियल का इस्तेमाल कर एक सिस्टम का इजाद किया है. यह सिस्टम कृषि के क्षेत्र में कारगार माना जा रहा है.

सपने को पूरा होने में चार साल लगे

राजसमंद जिले का एक गांव है करेड़ी. इसी गांव के रहने वाले हैं नारायण गुर्जर. जब वह 11वीं में थे तब उन्होंने गांव के किसानों को पानी की समस्या से जूझते हुए देखा था. उसी दौरान उन्होंने इसका हल ढूंढने का संकल्प लिया था.

बताया जाता है कि नारायण द्वारा इजाद किए गए सिस्टम में सब्जियों, फलों और फसलों के अपशिष्ट पदार्थ का मिश्रण है. प्रोजेक्ट को बंजर जमीन, कम बारिश और सूखे से ग्रस्त इलाकों में आसानी से काम में लिया जा सकता है.

प्रोजेक्ट को मिट्टी के साथ मिलाकर जमीन में डाला जा सकता है. इससे पानी को संरक्षित रखने में मदद मिलती है. जब प्लांट को पानी की जरूरत हो तब वह इस प्रोजेक्ट के माध्यम से पानी की आपूर्ति कर सकता है.

नारायणलाल बताते हैं कि वेस्ट मटेरियल से वाटर रिटेशन सिस्टम उन्होंने इजाद किया है. बंजर और सूखी जमीन में प्रयोग करने पर मिट्टी में लंबे समय तक नमी बने रहती है.

इसकारण फसल सूखती नहीं है. नवाचार तकनीकी से कम पानी में अधिक पैदावार देने के लिए यह सहायक है.

जापान सरकार नारायणलाल के इस प्रोजेक्ट से बेहद प्रसन्न है. कंपनी शुरू करने के लिए जापान सरकार तकरीबन 65 लाख रूपए की आर्थिक सहायता नारायणलाल को देने जा रही है.

नारायण के मुताबिक मेंटर डॉ. एसएम माथुर के सहयोग से चार महीने की प्रक्रिया में उन्होंने प्रोग्राम को चयनित कराया है. पर्सनल इंटरव्यू सहित वीडियो कांप्रेंसिंग से उनके इंटरव्यू हुए हैं. प्रोजेक्ट में शामिल शशिप्रताप सिंह और अंकित जैन जापान सरकार द्वारा चुने जाने पर प्रसन्न हैं.

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