खबर छापी तो जेल भिजवा दूंगी, अब आयोग ने कलेक्टर से मांगी रपट

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नई दिल्ली/भोपाल।

चुनाव आयोग ने भिंड के चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के भिंड में वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल की चेकिंग के दैरान ईवीएम के दो अलग-अलग बटन दबाने पर भी कमल का निशान प्रिंट हुआ है. भिंड में अगले हफ्ते उप चुनाव होना हैं. बताया जा रहा है कि जब वहां पर उपस्थित मीडिया ने यह सवाल उठाया तो चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर सलीना सिंह ने कहा खबर छापी तो जेल भिजवा दूंगी.

चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर शुक्रवार को सलीना भिंड पहुंची थीं. उनके सामने ही वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल मशीन का डेमो हुआ. मशीन से जुड़ी ईवीएम पर चौथे नंबर का बटन दबाया तो वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल ने पर्ची निकली, जो सत्यदेव पचौरी के नाम की थी. इस पर कमल का फूल चुनाव चिह्न था. उन्होंने फिर से बटन दबाया तो भी कमल का फूल प्रिंट हुआ. हालांकि तीसरी बार उन्होंने नंबर एक पर बटन दबाया तो पंजा निकला. यह देखकर सलीना सिंह बोलीं, अब बराबर हो गया है. अगर मीडिया में यह सब छपा तो थाने भिजवा दूंगी.

बता दें कि वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल मशीन एक ऐसी मशीन होती है जिससे निकली पर्ची यह दिखाती है कि मतदाता ने किस पार्टी को वोट दिया है. मतदाता केवल सात सेकेंड तक इस पर्ची को देख सकता है इसके बाद यह एक डिब्बे में गिर जाती है और मतदाता इसे अपने साथ नहीं ले जा सकता.

गौरतलब है कि सप्ताह भर पहले ही चुनावों में वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया. ष्टछ्वढ्ढ की कोर्ट ने यह नोटिस वकील मनोहर लाल शर्मा की जनहित याचिका पर जारी किया. शर्मा ने पांच राज्यों हुए चुनावों को मिली भारी जीत पर सवाल उठाया और कहा है वोटिंग मशीनों में छेड़छाड़ की गई है. ऐसे ही आरोप बसपा की अध्यक्ष मायावती ने लगाये थे.

उधर, इस घटना के बाद मध्यप्रदेश सीपीएम के सचिव बादल सरोज ने चुनाव आयोग से मांग की है कि उपचुनाव से पहले उसमें प्रयुक्त होने वाली प्रत्येक ईवीएम का सार्वजनिक परीक्षण किया जाये. सिर्फ उपयुक्त एवम् त्रुटिहीन मशीने ही उपयोग में लाई जायें. उन्होंने आशा व्यक्त की है कि भारत में निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता की छवि को कलंकित होने से बचाने हेतु त्वरित कदम उठाये जायेंगे.

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