हत्या के मामले में 6 आरोपियों के नाम हटाए गए

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नेशन अलर्ट, 97706-56789.
रायपुर.

5 नवम्बर, 2016 को तोंगपाल थाना में हत्या के मामले में दर्ज अपराध में से 6 आरोपियों का नाम हटा दिया गया है. इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अर्चना प्रसाद, माकपा छत्तीसगढ़ के राज्य सचिव संजय पराते, भाकपा रिसर्च सेंटर के विनीत तिवारी, गुफड़ी के सरपंच मंजू कवासी, नामा गांव के पूर्व-रहवासी मंगलाराम कर्मा के नाम शामिल हैं.

इनके खिलाफ धारा 120 बी, 302, 450, 147, 148, 149, आर्म्स एक्ट की धारा 25 व 27, यूएपीए की धारा 23, 38(2), 39(3) के तहत मामला दर्ज किया गया था. मृतक विमला बघेल की लिखित शिकायत के आधार पर कायम किया गया था.

मामले को लेकर प्रोफसर नंदनी व अन्य ने दो साल लंबी लड़ाई लड़ी. उनका आरोप था कि उक्त मामले में उन्हें फंसाने की नीयत से फर्जी एफआईआर दर्ज कराई गई थी. मृतक की पत्नी विमला बघेल के बयान में भी विरोधाभास था. वे हत्यारों को पहचानने में असक्षम थीं.

इस दिशा-निर्देश के दो साल बाद भी छत्तीसगढ़ पुलिस ने मामले की छानबीन करने या उसे ख़त्म करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया.

तब सुप्रीम कोर्ट में प्रोफेसर नंदिनी सुंदर ने आवेदन लगाया कि एफआईआर से उनका और अन्य लोगों का नाम हटाया जाए. 27 नवम्बर, 2018 को कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से अब तक की गई कार्यवाही के बारे में पूछा.

इन्हीं सब पक्षों को देखते हुए एफआईआर क्र. 27/16 में बतौर आरोपी शामिल किए गए इन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के नाम शामनाथ बघेल की हत्या के प्रकरण में छत्तीसगढ़ पुलिस ने आरोप पत्र से हटा दिए हैं.

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