अमन-मुकेश ने नायक को डीजीपी नहीं बनने दिया था…

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रायपुर.

स्पेशल डीजी मुकेश गुप्ता अब परेशानियों का सामना कर रहे हैं. दरअसल उन्होंने रमन सरकार के ताकतवर अफसर अमन सिंह के साथ मिलकर जिन गिरधारी नायक को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनने नहीं दिया था उन्हें ही भूपेश सरकार ने जांच की जिम्मेदारी सौंपी है.

पंद्रह साल का भाजपा का शासनकाल कई मायनों में याद रखा जाएगा. रमन सरकार में पहले दो कार्यकाल में भले ही एक टीम वर्क रहा हो लेकिन तीसरा कार्यकाल टीम वर्क से ज्यादा पर्सनल वर्क पर आ गया था.

तब अमन सिंह बेहद ताकतवर थे. उन्होंने आईपीएस के साथ ही आईएएस को भी अपने आगे-पीछे घुमाया था. भले ही कई लोग आईएएस-आईपीएस की इस तरह की दुर्गति को लेकर अमन सिंह की प्रशंसा करते हों लेकिन इतना तय है कि अमन सिंह खेमा अब विवादों से दो-चार हो रहा है.

नायक ने मांग लिया था स्पष्टीकरण

अब बात आती है जेल व होमगार्ड के डीजी गिरधारी नायक, स्पेशल डीजी मुकेश गुप्ता के प्रशासनिक संबंधों पर. मुकेश गुप्ता व अमन सिंह खेमे ने मिलकर गिरधारी नायक को प्रदेश का पुलिस महानिदेशक नहीं बनने दिया.

ऐसा क्यूंकर हुआ? 

पुलिस प्रशासन के जानकार बताते हैं कि गिरधारी नायक ने प्रदेश के कार्यकारी पुलिस महानिदेशक होने के दिनों में पुलिस मुख्यालय में एक बैठक तलब की थी. इस बैठक में तमाम एडीजी, आईजी, डीआईजी लेवल के अफसर बुलाए गए थे.

उसी बैठक में मुकेश गुप्ता गैरहाजिर रहे थे. तब गिरधारी नायक ने सीधे तौर पर स्पष्टीकरण मांगते हुए एक पत्र जारी कर दिया था. तब की खटास इस हद तक बढ़ी कि गुप्ता ने आगे चलकर अमन सिंह के साथ मिलकर नायक का रास्ता ही रोक लिया.

अब जबकि मुकेश गुप्ता घर-परिवार से लेकर प्रशासन के मामलों में जांच का सामना कर रहे हैं तो भूपेश सरकार ने उसी गिरधारी नायक को जिम्मेदारी सौंपी है जो कि मुकेश गुप्ता की आंखों की किरकिरी हैं.

नायक साहब को चंद महिनों के बाद ही सेवानिवृत्त हो जाना है. इसके ठीक पहले उन्हें जो जांच मिली है वह बेहद महत्वपूर्ण है. स्पेशल डीजी मुकेश गुप्ता की कथिततौर पर दूसरी पत्नी मिक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से लेकर नियम विरुद्ध तरीके से पदोन्नत हो जाने के मामले की शिकायत भाजपा विधायक ननकीराम कंवर ने की थी.

यहां यह उल्लेखनीय है कि इन्हीं कंवर ने अपनी ही पार्टी की सरकार के समय भी मुकेश गुप्ता के उक्त मामलों को प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाते हुए जांच का अनुरोध किया था.

तब न तो इधर, रमन सरकार ने कोई आदेश किया और न ही उधर दिल्ली से कोई जांच संबंधी पत्र आया. थके हारे लोग ये मान चुके थे कि स्पेशल डीजी मुकेश गुप्ता का अब कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है लेकिन प्रदेश में सरकार बदल गई.

कांग्रेस की सरकार के मुखिया भूपेश बघेल से मिलकर ननकीराम कंवर ने पुन: वही मामले उठाए जो कि मुकेश गुप्ता की पेशानी पर बल डालते हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में घोषणा अनुरुप अंतत: जांच का आदेश कर दिया है.

अब जांच का नतीजा क्या आएगा यह तो बाद का विषय है लेकिन मुकेश गुप्ता की सबसे बड़ी परेशानी गिरधारी नायक ही हैं. नायक ने यदि नियम संगत तरीके से जांचकर कोई प्रतिकूल टिप्पणी मुकेश गुप्ता के संदर्भ में कर दी तो आने वाले दिनों में एक और धमाके के लिए प्रदेश को तैयार रहना चाहिए.

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