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क्या वाकई डेढ़ साल में 3,330 बलात्कार के प्रकरण दर्ज हुए ?

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रायपुर.

प्रदेश को सुशासन देने का दावा करने वाली भाजपा के डेढ़ साल के शासनकाल में क्या वाकई 3,330 बलात्कार के प्रकरण दर्ज हुए ? यह सवाल आज तब उठा जब प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी काँग्रेस ने कानून व्यवस्था की कथित खस्ता हालत को लेकर मुख्यमँत्री निवास का घेराव किया. नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महँत ने इस दौरान अपने सँबोधन में जो कहा उससे यह सवाल उठा है.

उल्लेखनीय है, कि सोमवार को काँग्रेस का प्रदेश स्तरीय आँदोलन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक हुआ. इसी कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में 3,330 बलात्कार के जो मामले सामने आए हैं वह सब सरकार की शराब और नशे की दुकानों के कारण हो रहा है. हम न केवल सीएम हाउस का घेराव करेंगे, बल्कि पूरी कैबिनेट को खदेड़ेंगे.

रक्षक नहीं भक्षक : बैज

इस अवसर पर काँग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष (पीसीसी चीफ) दीपक बैज ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक होगा. हमारी लड़ाई छत्तीसगढ़ की जनता के हक, बीजेपी और सरकार के खिलाफ लड़ाई है.

उन्होंने कहा कि 42 डिग्री हो या 45 हमारी माता-बहनों को बचाने से हमें कोई नहीं रोक सकता. आज आत्मानंद स्कूल में 9 वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा के साथ दुष्कर्म होता है, एक महीने की गर्भवती हो जाती है प्रशासन को पता नहीं है.

बैज ने कहा कि हमने विधानसभा में प्रदर्शन किए, ब्लॉक, जिला हर स्तर पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए लेकिन सरकार नींद से नहीं उठी. हर तीन घंटे में एक बालात्कार हो रहा है. ये सरकार छत्तीसगढ़ को यूपी और बिहार बनाने पर तुली है. लेकिन कांग्रेस ऐसा होने नहीं देगी, हम 24 घंटे जनता के लिए लड़ेंगे.

पीसीसी के मुखिया बैज ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जनता के लिए मुख्यमंत्री बनकर नहीं, भक्षक बनकर काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्री पश्चिम बंगाल पर बयान द रहे हैं. इतनी ही चिंता है तो यहां से इस्तीफा देकर वहां जाकर पद सम्भाल लें.

काँग्रेस अध्यक्ष बैज ने कहा कि वो आदिवासी जो खुद को आदिवासी नहीं मानते जनजाति मानने वाले बस्तर में जाकर आदिवासियों के लिए बयान दे रहे हैं. इन्हें क्या पता आदिवासियों का संघर्ष क्या है.

पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने कहा कि रोज हत्या, बलात्कार और लूटपाट की घटनाएं हो रही है. क्या यही विष्णु का सुशासन है. विधायक उमेश पटेल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि डेढ़ साल में ऐसे-ऐसे कारनामे हुए जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में कभी न हुए. बलौदाबाज़ार की घटना हुई है. इस सरकार में एसडीएम को जनता दौड़ाती है. बलरामपुर में महिला पुलिस को महिलाएं मार रही थी.

राज्यसभा सदस्य फूलोदेवी नेताम ने कहा कि ये मुख्यमंत्री शासन और प्रशासन की चूक है जो आज बच्चियां सुरक्षित नहीं है. आज हम यहां इसलिए इकट्ठे हुए हैं ताकि मुख्यमंत्री की आंखें खोल सके.

दो बैरिकेड तोड़ आगे बढे़ काँग्रेसी

ज्ञात हो कि सीएम हाउस की ओर कूच करने के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने ट्रिपल लेयर सुरक्षा व्यवस्था की थी. सैकड़ों पुलिसकर्मियों की तैनाती के बावजूद कार्यकर्ताओं ने दो बैरिकेड तोड़कर ओसियम चौक तक पहुंचने की कोशिश की.

पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्कामुक्की हुई. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ “निर्मम व्यवहार” किया और महिला कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार किया. 42 डिग्री तापमान में कई कार्यकर्ता बेहोश हो गए.

इस घेराव से पहले रायपुर नगर निगम के सामने एक विशाल सभा का आयोजन किया गया. प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उप मुख्यमँत्री टीएस सिंहदेव इस प्रदर्शन में अपने अपने कारणों से शामिल नहीं हो पाए.

इसके बावजूद पीसीसी चीफ दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू, सह-प्रभारी विजय जांगीड़, जरिता लैतफलांग, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष फूलो देवी नेताम, प्रभारी महामंत्री मलकीत गैंदू, विधायक अंबिका मरकाम, चातुरी नंद, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, अमितेश शुक्ल, पूर्व विधायक अरुण वोरा, गुरमुख होरा, पूर्व साँसद छाया वर्मा, अनीता शर्मा, विकास उपाध्याय, प्रमोद दुबे सहित संगठन के पदाधिकारी, एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस, महिला काँग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए.