…तो क्या गोंगपा से गठबंधन कर चुकी है कांग्रेस

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नेशन अलर्ट/रायपुर।

प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उईके ने आज अचानक कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में वापसी कर ली है। कभी भाजपा में छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए उईके का वापस भाजपा में लौट आना लोगों को यह सोचने मजबूर कर रहा है कि क्या कांग्रेस और गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी के बीच कोई समझौता हो चुका है या हो रहा है।
दरअसल, रामदयाल उईके जिस पाली-तानाखार क्षेत्र से विधायक होते आए हैं उसी क्षेत्र से गोंगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरासिंह मरकाम विधायक रह चुके हैं। मरकाम की मांग यह है कि यह सीट यदि उन्हें दी जाएगी तो वह कांग्रेस से गठबंधन करेंगे। अपनी सीट पर संशय के मंडराते बादल को आज उईके ने अमित शाह का दामन थाम कर कुछ हद तक साफ किया है।

कभी जोगी के खास थे
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2000 में जब राज्य का निर्माण हुआ था तब उईके भाजपा के विधायक हुआ करते थे। तब के मुख्यमंत्री अजीत जोगी के आह्वान पर उन्होंने मरवाही सीट उनके लिए खाली कर दी थी। इसके बाद वह पाली-तानाखार विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जाते रहे। अजीत जोगी के नजदीकी रहे उईके ने जोगी केे कांग्रेस छोडऩे के बाद भी कांग्रेस नहीं छोड़ी और उनसे दूरी बना ली थी।

तो गठबंधन से छिन जाती सीट
इधर, कांग्रेस ने गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी से गठबंधन की बात चालू की थी। गोंगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरासिंह मरकाम पाली-तानाखार क्षेत्र से चुनाव लड़ते आए हैं। इस सीट पर उनका स्वभाविक दावा था। इस दावे से उईके कांग्रेस में रहकर विचलन महसूस कर रहे थे। अंतत: उन्होंने कांग्रेस को बाय-बाय कर भाजपा में अपनी घर वापसी कर ली है। इसके बाद से एक महत्वपूर्ण सवाल लोगों के बीच तैर रहा है कि क्या कांग्रेस और गोंगपा के बीच गठबंधन हो गया है?

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