सविता खंडेलवाल प्रकरण से पशोपेश में सरकार

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रायपुर।

धमतरी की सविता खंडेलवाल की खुदकुशी मामले ने राज्य में सरकार को धर्मसंकट में डाल दिया है। इसी के चलते पुलिस महानिरीक्षक यानि कि आईजी रायपुर रेंज की नियुक्ति का मसला आगे बढ़ा दिया गया है। …तो क्या सविता खंडेलवाल प्रकरण से सरकार के हाथ पैर फूल रहे हैं और वह पशोपेश में पड़ गई है।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक चुनाव कार्यों से जुड़े किसी भी अधिकारी की नियुक्ति उसके गृह जिले में नहीं हो सकती है। भले ही अभी आचार संहिता नहीं लगी है लेकिन अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले चुनाव आयोग के निर्देशानुसार किए जाने लगे हैं। इसी कड़ी में रायपुर रेंज आईजी का भी बदला जाना तय है क्यूंकि वर्तमान आईजी प्रदीप गुप्ता का गृह जिला रायपुर ही है। आईजी गुप्ता के स्थान पर जिन दो आईजी के नाम बड़ी जोर-शोर से रायपुर आईजी बनाए जाने के लिए चल रहे थे वह दोनों आईपीएस सविता खंडेलवाल प्रकरण में कहीं न कहीं फंसे हुए बताए जाते हैं।

सरकार का धर्म संकट

रायपुर आईजी का पद बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। राजधानी में वीआईपी विजिट भी इलेक्शन के दौरान चलती रहती है। सरकार अपने विश्वास पात्र आईपीएस को राजधानी रायपुर का आईजी नियुक्त करती रही है। इस बार बिलासपुर आईजी दीपांशु काबरा इस दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे थे। इसी तरह हिमांशु गुप्ता जो कि सरगुजा आईजी का पदभार संभाल रहे हैं वह भी रायपुर आने के लिए प्रयासरत थे।
रायपुर आईजी की चेयर पर बैठने आईपीएस काबरा व गुप्ता ने अपने-अपने सोर्स से फिल्डिंग भी कर रखी होगी। तमाम तरह के प्रयास के बावजूद इस दौरान एक ऐसा प्रकरण हुआ जो कि आईपीएस काबरा-गुप्ता के सपनों को चकनाचूर कर सकता है। धमतरी निवासी सविता खंडेलवाल ने आईपीएस काबरा-गुप्ता पर अपनी पारिवारिक जिंदग़ी तबाह करने के अनगिनत आरोप लगाते हुए खुदकुशी कर ली। हालांकि सरकार ने अब तक दोनों अफसरों पर किसी तरह की कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई है लेकिन ऐन चुनाव के समय वह दोनों आईपीएस में से किसी को भी रायपुर लाने के फैसले से पीछे हट गई लगता है।
सरकार का धर्म संकट अब यह है कि दोनों आईपीएस में कोई भी यदि रायपुर आता है तो सरकार पर चुनाव के दौरान कई तरह के आरोप लगेंगे क्यूंकि रायपुर रेंज के अधीन धमतरी जिला आता है। कहीं न कहीं सरकार इस बात का जवाब नहीं दे पाएगी कि उसने उस रेंज में किसी ऐसे अफसर को क्यूं पदस्थ किया जिस रेंज के किसी जिले में हुई आत्महत्या के मामले में वह प्रथम दृष्टया दोषी बताया जाता है।

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