मिला एक और “बाबूलाल अग्रवाल”

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रायपुर।

आयकर विभाग की एक और कार्रवाई ने अफसरशाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं. प्रदेश के हाईप्रोफाईल अधिकारी कहलाने वाले आईएफएस संजय शुक्‍ला के करीब आधा दर्जन ठिकानों पर आयकर विभाग ने दबिश दी है. डिपार्टमेंट की जंबो टीम कागजात खंगाल रही है और उनके रिकॉर्ड भी.

आयकर विभाग, CBI और ED का कहर पहले प्रदेश के हाई प्रोफाइल IAS BL Agarwal पर टूटा था जिसके चलते वे इस वक्त तिहाड़ जेल में हैं. अब आयकर अधिनियम की धारा 133ए के चक्कर में प्रदेश के दूसरे हाई प्रोफाइल अफसर IFS संजय शुक्ला फंस गए हैं. अर्बन डवलपमेंट कमिश्नर संजय शुक्ला के तक़रीबन आधा दर्ज़न ठिकानों पर आयकर की टीम ने दबिश दी है. आयकर विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ शुक्ला के मकान, बेटे के वी आई पी रोड स्थित होटल और ग्रीन वुड मैरेज गार्डन समेत आधा दर्ज़न ठिकानों पर आयकर टीम जांच करने पहुँची है.

शिकायतों का नतीजा
आईएफस अधिकारी शुक्ला ऐसे ही आयकर विभाग के राडार पर नहीं आए. इसके पीछे उनसे जुड़ी शिकायतों का सिलसिला है जिसके बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. बताया जाता है कि शुक्‍ला के परिजनों के नाम पर काली कमाई का निवेश किया गया है. शुक्ला के शंकर नगर स्थित सरकारी आवास समेत व्हीआईपी रोड स्थित ग्रीन वुड प्रतिष्ठान पर आईटी की टीम सर्वे में जुटी हुई है. परिवार के लोगों से भी पूछताछ चल रही है. जांच में बड़ी मात्रा में कच्चे के लेन देन के कागज़ भी मिले हैं जिन्हें बारीकी से खंगाला जा रहा है.
शुक्ला जैसे हाई फ़ाई अफसर के फंसने से वन विभाग के अफसरों में दहशत का माहौल है.क्योंकि प्रदेश के शीर्ष अफ़सर से शुक्ला की नजदीकी के चलते वे हमेशा वन मुख्यालय से बाहर मलाईदार पदों पर ही रहे है.इसके बावजूद उन पर ऐसी कार्यवाही हुई है ,जिससे बच निकलना काफ़ी कठिन होगा.

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