आईएएस परदेशी क्‍या वाकई कोर्ट के आदेश नहीं मानते ?

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नेशन अलर्ट/www.nationalert.in
बिलासपुर। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी सिध्दार्थ कोमल परदेशी एक बार फिर से चर्चा में हैं। उन्‍हें एक महिला चिकित्‍सक ने अदालत तक घसीटा है। महिला का आरोप है कि आईएएस परदेशी कोर्ट की अवमानना बार बार करते हैं। क्‍या वाकई ऐसा है ?

उल्‍लेखनीय है कि महिला चिकित्‍सक का नाम डॉ.वंदना भेले है। उन्‍हें इसी स्‍त्री रोग विशेषज्ञ बताया जाता है। उनकी पद स्‍थापना बेमेतरा जिले में थी। दिसंबर 2022 में बेमेतरा जिले से वह दुर्ग जिले के लिए स्‍थानांतरित कर दी गईं।

समय पर ज्‍वाइन नहीं कर पाई
डॉ.वंदना भेले के अपने निजी कुछ कारण थे। इन्‍हीं कारणों के चलते वह समय पर ज्‍वाइन नहीं कर पाई। राज्‍य सरकार ने इसे चुक मानते हुए समय पर ज्‍वाइनिंग नहीं देने के कारण डॉ.वंदना भेले को निलंबित कर दिया। डॉ.भेले ने इसके विरूध्‍द अभ्‍यावेदन लगाया।

अभ्‍यावेदन प्रस्‍तुत करने के बावजूद डॉ.भेले का निलंबन बहाल नहीं हुआ। इस पर वह अपनी परेशानी लेकर हाईकोर्ट पहुंच गई। उनके द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 30 दिनों के भीतर उन्‍हें बहाल करने का आदेश दिया।

30 दिन बीत गए लेकिन डॉ.वंदना भेले की बहाली नहीं हो पाई। इस पर डॉ.भेले एक बार फिर हाईकोर्ट पहुंची और उन्‍होंने छत्‍तीसगढ़ के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की।

डॉ.भेले ने अपनी याचिका में आईएएस परदेशी को अमूमन दूसरे मामलों में भी कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने के लिए जिम्‍मेदार ठहराने की कोशिश की है। उन्‍होंने कोर्ट को बताया कि 28 जुलाई 2023 को भी आईएएस परदेशी एक अन्‍य चिकित्‍सक के प्रकरण में हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के लिए जिम्‍मेदार ठहराए गए थे। इस पर भी उन्‍हें अवमानना नोटिस जारी हुई है।

हाईकोर्ट में जस्टिस पीपी साहू की बैंच ने डॉ.वंदना भेले की अवमानना याचिका पर सुनवाई की थी। जस्टिस साहू की बैंच ने स्‍वास्‍थ्‍य सचिव परदेशी को इस पर नोटिस जारी करते हुए बिना किसी विलंब के जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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