रायपुर एसएसपी और आईजी क्‍या फेल हुए ?

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रायपुर।

रायपुर के वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) क्‍या जेब कतरों के सामने फेल हो गए हैं ? यह सवाल यूंही नहीं पूछा जा रहा है बल्कि इसके पीछे कारण भी है। बड़े-बड़े अपराध तो छोडि़ए बल्कि जेबकतरों ने भी सरकार और उससे जुड़े तंत्र को सोचने समझने मजबूर कर दिया है।

दरअसल बात 5 अगस्‍त की है। शुक्रवार का दिन था और महंगाई को लेकर कांग्रेस देशव्‍यापी प्रदर्शन में थी। चूंकि छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है इसकारण यहां यह प्रदर्शन पूरे तामझाम के साथ आयोजित हो रहा था। पुलिस का भी व्‍यापक बंदोबस्‍त बताया जा रहा था। लेकिन यह सारा बंदोबस्‍त उस समय धरे के धरे रह गया जब जेबकतरों ने अपनी कला का प्रदर्शन कांग्रेसी नेताओं-कार्यकर्ताओं के समक्ष पूरी तन्‍मयता के साथ किया।

एक ने कराई शिकायत बाकी हुए मौन

राजधानी का अंबेडकर चौक… धरना प्रदर्शन अभी चल ही रहा था… प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष मोहन मरकाम विभिन्‍न विधायकों के अलावा प्रदेश व राजधानी स्‍तर के अलग अलग नेताओं के साथ कार्यक्रम में शामिल थे। डीएसपी रैंक के कई पुलिस अफसर्स के अलावा राजधानी के विभिन्‍न थानों का पुलिस बल अपने अपने निरीक्षकों (टीआई) के अधीन तैनात था।

सबका प्रयास यह था कि कार्यक्रम शांति के साथ निपट जाए और किसी को किसी तरह की परेशानी न हो। लेकिन क्‍या हो जब जेबकतरे आ जाए और अपनी कला का प्रदर्शन कर सफलतापूर्वक शांति के साथ निकल लें‍ ? ऐसा ही कुछ कांग्रेस के उक्‍त प्रदर्शन में हुआ।

रायपुर जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्‍यक्ष उधोराम वर्मा ने बाद में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि प्रदर्शन के दौरान उनकी जेब कट गई है। उधो इस बात से नावाकिफ थे कि उनकी जेब कब और किसने कैसे काट ली। पुलिस ने उधो द्वारा दी गई लिखित शिकायत ले ली है लेकिन बताया तो यह तक जाता है कि कई कांग्रेसियों के जेब प्रदर्शन में शामिल हुए कतरों ने काट दिए थे। कईयों के मोबाइल पार हो गए थे। लेकिन सब अपनी, अपनी सरकार और उसकी पुलिस की इज्‍जत बचाने मौन साध लिए हैं।

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