पुलिस अधीक्षक का स्थानांतरण प्रधान आरक्षक की गिरफ्तारी से तो नहीं जुडा़ है ?

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रायपुर / कवर्धा

कवर्धा के पुलिस अधीक्षक ( एसपी ) अचानक बुधवार शाम बदल दिए गए. उन्हें सुकमा स्थानांतरित करते हुए उनके स्थान पर सुकमा एसपी कवर्धा पदस्थ कर दिए गए. अब आम जनमानस में चर्चा हो रही है कि यह स्थानांतरण प्रधान आरक्षक की गिरफ्तारी से जुडा़ हुआ नहीं है.

उल्लेखनीय है कि शासन ने बुधवार शाम कवर्धा एसपी केएल ध्रुव ( 2008 ) को सुकमा स्थानांतरित कर दिया. ध्रुव के स्थान पर अब तक सुकमा एसपी रहे शलभ सिन्हा ( 2014 ) को कवर्धा का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया.

हालांकि यह प्रशासनिक प्रक्रिया है लेकिन आम जनमानस के बीच में कई तरह की चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है. इन्हीं में से एक चर्चा प्रधान आरक्षक की गिरफ्तारी से जुडी़ हुई है जिसमें कवर्धा के कोतवाली थाने में अपराध दर्ज है.

नौकरी के नाम पर झांसा देने का है आरोप

ज्ञात हो कि नौकरी लगवाने का झांसा देकर एक हेडकांस्टेबल ने ही 6 युवकों से ठगी कर ली. नौकरी नहीं लगने पर युवकों ने प्रधान आरक्षक से बात की तो वह टालमटोल करने लगा. इस पर युवकों ने मामला दर्ज करा दिया.

जांच के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है. कवर्धा निवासी अनिल सिंह ठाकुर दुर्ग के अमलेश्वर थाने में पदस्थ है. उसने अपने गांव और आसपास के लोगों को छत्तीसगढ़ ऑर्म्ड फोर्स (सीएएफ) में नौकरी लगवाने का झांसा दिया.

उसकी बातों में आकर 6 युवकों ने करीब 11.5 लाख रुपए अनिल को दे दिए. काफी समय बीतने के बाद भी युवकों की नौकरी नहीं लगी. इस पर युवकों ने अनिल से रुपए लौटाने को कहा.

आरोप है कि वह युवकों पर पुलिस की धौंस दिखाता. इस पर युवकों ने थाने में एफआईआर कर दी. पुलिस ने बताया कि मामले की जांच के बाद सही पाए जाने पर आरोपी प्रधान आरक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में उस पर आगे कार्रवाई की जा रही है.

बहरहाल, मामला चाहे जो कुछ भी हो लेकिन इस तरह अचानक महज दो जिलों के पुलिस अधीक्षक बदल दिए जाते हैं जबकि एक लंबी सूची आने की प्रतीक्षा होते रही है तो सवाल तो उठेंगे ही.

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