कांकेर कांड : राज्यपाल ने तलब की रपट

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. जब कमल शुक्ला को फोन लगाया . . . डीजी-एसपी को दिए निर्देश

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रायपुर.

वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला के साथ कांकेर में कथित कांग्रेसियों द्वारा की गई पिटाई के मसले ने अब गंभीर रुप ले लिया है. प्रदेश के पत्रकार जहां इस विषय पर प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं राज्य की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके द्वारा रपट तलब किए जाने की खबरें आ रही हैं.

कांकेर में वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला सहित अन्य पत्रकारों पर हुए हमले की घटना पर प्रदेश की धीर गंभीर राज्यपाल सुश्री उईके ने संज्ञान लिया है. राज्यपाल ने पत्रकार शुक्ला से फोन पर बातचीत की है.

अवश्य कार्रवाई होगी

सुश्री उईके ने फोन पर कमल से कहा है कि ” आप लोगों के साथ हुई घटना की जानकारी मिली. आप अपना ध्यान रखें, आप जल्दी स्वस्थ हों. मैंने पुलिस महानिदेशक और पुलिस अधीक्षक को निष्पक्ष जांच कर न्यायोचित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं, दोषियों पर अवश्य कार्यवाही होगी.”

सामान्य धारा क्यूं लगाई ?

कमल शुक्ला, सतीश यादव पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपियों को सामान्य धारा लगाकर क्या कांकेर का पुलिस प्रशासन बचाने का प्रयास कर रहा है ? यह सवाल आज दिनभर कांकेर से निकलकर प्रदेश में तैरते रहा.

सामान्य धारा की बात को लेकर छत्तीसगढ़ के पत्रकारों में आक्रोश पनप रहा है. पत्रकारों ने आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग को लेकर कांकेर कलेक्टोरेट के सामने धरना शुरु कर दिया है.

दरअसल, कलेक्टोरेट परिसर में अंबेडकर मूर्ति के नीचे पत्रकार कल रात से ही धरने पर बैठ गए थे. पत्रकारों की जायज मांग है कि हमला करने वाले आरोपी जितेंद्र सिंह ठाकुर, गफ्फार मेमन, मोनू उर्फ शादाब खान और गणेश तिवारी पर धारा 324 और 307 के तहत प्राण घातक हमले का मामला दर्ज किया जाए.

उल्लेखनीय है कि कांकेर कोतवाली पुलिस ने सामान्य धारा 294, 506, 323, 34 भादंवि के तहत कार्यवाही की है और इसे पत्रकार न्याय संगत नहीं बताते हैं.

हमले के विरोध में रविवार की सुबह बस्तर संभाग के पत्रकार कांकेर में इकट्ठा हुए थे. बीजापुर, जगदलपुर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के पत्रकारों सहित राजधानी रायपुर के भी पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हुए हमले को लेकर एकत्र हुए थे.

हटाए जाएं कलेक्टर – एसपी

कांकेर के पत्रकारों ने मांग की है कि मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए. तत्काल कांकेर जिले के एसपी और कलेक्टर को हटाया जाना जाना बेहद जरूरी है ताकि एसपी और कलेक्टर जांच में बाधा न डाल सके. पत्रकारों ने इन मांगों को पूरा न किए जाने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने की बात कही है.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्वारा जारी किए गए बयान को पत्रकार हास्यपद बता रहें है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा है कि जिन आरोपियों पर मारपीट का आरोप लगा है वह कांग्रेस के कार्यकर्ता ही नहीं है.

दूसरी ओर वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला ने कहा है की सभी कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. कई आरोपी तो पार्षद भी हैं. जिस जितेंद्र ठाकुर पर मारपीट का मामला दर्ज हुआ है वह नगर पालिका अध्यक्ष का पति है. गफ्फार मेमन तो विधायक प्रतिनिधि भी हैं. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्वारा जारी किया गया बयान समझ से परे है.

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