रामा ग्रुप सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के उल्लंघन में फंसा

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हाईकोर्ट ने प्रोजेक्ट पर लगाई रोक

नेशन अलर्ट / 97706 56789

रायपुर / बिलासपुर.

बिलासपुर का रामा ग्रुप एक नए विवाद में फंस गया है. उस पर आरोप है कि उसने जानते समझते हुए भी सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का उल्लंघन किया. जिसके विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई. इस कारण रामा गुप्र के प्रोजेक्ट रामा ग्रींस पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.

राजधानी रायपुर के एक मोहल्ले का नाम अमलीडीह है. इसी अमलीडीह इलाके में रामा ग्रुप का एक प्रोजेक्ट रामा ग्रींस प्रस्तावित है. इस रामा ग्रींस प्रोजेक्ट के खिलाफ बिलासपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई.

कौन है रामा ग्रुप को कोर्ट में घसीटने वाला

अधिवक्ता अर्जित तिवारी के माध्यम से रामा ग्रुप को कोर्ट में घसीटने वाले शख्स का नाम राजकुमार दुबे बताया जाता है. दुबे मूलत: रायपुर के निवासी हैं. उनके द्वारा रामा ग्रुप के प्रोजेक्ट रामा ग्रींस के खिलाफ दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट बिलासपुर में हुई.

सुनवाई के दौरान राजकुमार के अधिवक्ता अर्जित तिवारी ने हाईकोर्ट की डबल बैंच के समक्ष तर्क रखे कि रामा ग्रुप ने अपने प्रोजेक्ट रामा ग्रींस के लिए नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से जो ले आउट पास कराया है, वह नियम विरूद्ध है. कालोनाइजर रामा ग्रुप को उक्त भूमि का आबंटन लैंड रेवन्यू कोड 1959 का उल्लंघन है.

अधिवक्ता तिवारी ने नियम विरुद्ध ठहराने का कारण भी इस तरह से स्पष्ट किया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि दरअसल प्रोजेक्ट के दायरे में आ रही सरकारी जमीन की जानकारी छिपाते हुए यह ले आउट पास करा लिया गया. जबकि राजस्व विभाग के निस्तार पत्रक में यह दर्ज है. सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार इस आबंटन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई.

राजकुमार दुबे ने अपने वकील के जरिए हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी देते हुए बताया कि रामा ग्रुप के प्रस्तावित प्रोजेक्ट रामा ग्रींस पर हाईकोर्ट ने आगामी आदेश तक रोक लगा दी है. याचिका पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिज पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिज पीपी साहू ने सुनवाई की.

दुबे द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अपने आदेश में आगामी आदेश तक सभी तरह की खरीदी-बिक्री पर रोक लगाई है. मामले की आगे सुनवाई जारी रहेगी.

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