रायपुर।
सीबीआई को रिश्वत देने के प्रयास में गिरफ्तार किए गए आईएएस बाबूलाल अग्रवाल की संपत्ति शीघ्र ईडी अटैच कर सकता है। इसके संकेत प्रवर्तन निदेशालय यानि कि इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) से मिलने लगे हैं। संभवत: यह छत्तीसगढ़ का पहला प्रकरण होगा जिसमें इतने बड़े अधिकारी की संपत्ति इस तरह से अटैच हो जाएगी। मतलब साफ है कि जब तक प्रकरण का निराकरण नहीं होगा तब तक अग्रवाल की संपत्ति ईडी की गिरफ्त में रहेगी।
ज्ञात हो कि बाबूलाल अग्रवाल नामक आईएएस को छत्तीसगढ़ से फरवरी मध्य के बाद गिरफ्तार किया गया था। तब उन पर जो आरोप लगा था वह चौंकाने वाला था। अग्रवाल पर आरोप था कि उन्होंने अपने केस को राज्य के ईओडब्लू में स्थानांतरित कराने सीबीआई को रिश्वत देने की कोशिश की थी। इसी कोशिश में वह अपने साले आनंद अग्रवाल के साथ बिचौलिए भगवान सिंह व बुरहानुद्दीन सहित गिरफ्तार हो गए थे। तब से लेकर अब तक बाबूलाल अग्रवाल जमानत के लिए फडफ़ड़ाए जा रहे हैं।
बेरंग हुई होली, अब नवरात्रि भी जेल में
बाबूलाल अग्रवाल के लिए लगता है यह साल कुछ ठीक नहीं है। पहले अग्रवाल की होली बेरंग हो चुकी है। अब नवरात्रि में भी उन्हें कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। बताया जाता है कि उनकी जमानत याचिका को सीबीआई के स्पेशल जज जस्टिस बीके गोयल ने ठुकरा दिया है। अब उन्हें 13 अप्रैल तक ज्यूडिशियल कस्टडी में तिहाड़ जेल में ही रहना पड़ेगा।
इधर, सालों पुराने मामले की जांच अब ईडी ने भी तेज कर दी है। एक-दो नहीं बल्कि पूरे सौ करोड़ या दूसरे शब्दों में लिखे तों एक अरब की बेनामी संपत्ति के मामले में ईडी शीघ्र अग्रवाल के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठा सकता है। अग्रवाल के खिलाफ जब पांच वर्ष पूर्व ईडी ने जांच शुरु की थी तब उसे आयकर विभाग से 59 करोड़ के घोटाले की रिपोर्ट प्राप्त हुई थी। साल बीतते गए और अग्रवाल की संपत्ति बढ़ती गई। हालांकि यह आंकलन गलत भी हो सकता है और अग्रवाल की संपत्ति सौ करोड़ से ज्यादा की भी हो सकती है।