मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी घोषत किए गए दिग्विजय सिंह से सवर्ण समाज आखिर क्यूं कर नाराज है? इसकी बानगी दशहरा मैदान में सवर्ण समाज द्वारा आयोजित एक बैठक में देखने को मिली. रविवार को हुई बैठक में दिग्विजय सिंह तो शामिल हुए लेकिन सवर्ण समाज के अवसरवादी नेताओं को छोड़कर बाकी समाज बैठक से नदारद था. दरअसल दिग्विजय सिंह को मध्यप्रदेश में जातिवाद का बीज बोने वाला और शिवराज सिंह को जातिवाद का कटिला झाड़ बनाने वाला जाना जाता है. 2003 में दलित एजेंडे पर काम करते हुए दिग्विजय सिंह ने थोकबंद वोटिंग के प्रयास किए थे. सरकारी सेवाओं में प्रमोशन में आरक्षण का नियम दिग्विजय सिंह ने ही बनाया था. हाईकोर्ट में इसे अवैध करार दिए जाने के बाद शिवराज सिंह ने ही सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. 2003 के दलित एजेंडे का जवाब 2019 में समाज दे रहा है.