देव के पहले भी लीक हुए हैं दस्तावेज
डी शर्मा/रायपुर।
राज्य के पुलिस मुख्यालय में कौन गद्दार है अब इसकी जांच हो सकती है। जांच का जिम्मा सीआईडी को मिला है। दरअसल मामला लैंगिक उत्पीड़न के आरोपों से घिरे आईपीएस पवन देव की पदोन्नति से जुड़ा हुआ है। आईजी देव के संबंध में बुधवार को सोशल मीडिया में एक मैसेज वायरल हुआ था जो कि गुरुवार को अखबारों की सुर्खियां बना। अब इसी के लिए जांच तय है क्यूंकि देव के आवेदन को किसी ने पीएचक्यू से लीक किया था।
उल्लेखनीय है कि देव इन दिनों एक जांच का सामना कर रहे हैं।यह जांच लैंगिक उत्पीड़न के आरोपों से जुडी हुई है। संभवत: इसी के चलते वह पदोन्नत भी नहीं हो पाए हैं। इसके कई दिनों के बाद देव ने गृह विभाग के प्रमुख सचिव को लंबित पदोन्नति के संबंध में एक आवेदन दिया था जो कि पीएचक्यू से किसी तरह लीक हो गया।
पहले भी हो चुका है
यह कोई पहला मामला नहीं है जब पीएचक्यू से इस तरह की खबर लीक हुई हो। पहले भी ऐसा किया जा चुका है। याद करिए… उप पुलिस अधीक्षक शिव कैलाश सिंह द्वारा दिया गया त्याग पत्र जो कि पीएचक्यू से ही लीक हुआ था। तब एडीजी से लेकर डीजीपी तक के रिमार्क वाले दस्तावेज लीक हो गए थे। अब मामला देव से जुड़ा हुआ है।
इधर इस मामले ने तूल पकडना शुरु कर दिया है। बताया जाता है कि गुरुवार को इस मामले को लेकर गरमागरम बहस भी हुई है।यह सब पीएचक्यू में हुआ है। बताया जाता है पीएन तिवारी, आनंद तिवारी, आरके विज जैसे वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में लैंगिक उत्पीड़न के आरोपी देव गुरुवार दोपहर डीजीपी एएन उपाध्याय के समक्ष गुहार लगाते नज़र आए।
डीजीपी के समक्ष इसी मुद्दे को उठाया गया कि बुधवार को सोशल मीडिया में खबर वायरल होती है जो कि गुरुवार के अखबारों की सुर्खियां बनती हैं। अब सवाल यह उठता है कि पीएचक्यू में कौन जयचंद है जो कि इस तरह गद्दार की भूमिका निभा रहा है। अब इसकी जांच सीआईडी करेगी यह आश्वासन डीजीपी उपाध्याय ने अपनी तरफ से दिया है। इस मामले में पड़ताल के हिस्से और भी हैं जिन्हें जल्द ही नेशन अलर्ट सामने लेकर आएगा।