लखनऊ।
वरिष्ठ आईएएस अफसरों ने भी एक तरह से योगी के फरमान को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। दरअसल, राज्य के 138 आईएएस अफसर ऐसे हैं जिन्होंने आज दिनांक तक केंद्र सरकार को संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। ब्यौरा नहीं देेने वाले अफसरों में शामिल 138 से अब योगी सरकार जवाब तलब कर रही है।
उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय सेवाएं आचरण नियमावली के तहत आईएएस अफसरों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने की अनिवार्यता है। इस नियम के मुताबिक अधिकारियों को वर्ष 2016 का वार्षिक अचल संपत्ति का ब्यौरा 1 जनवरी, 2017 की स्थिति के अनुसार 31 जनवरी तक दे देना चाहिए।
पांच सौ हैं आईएएस
अफसरों को यह ब्यौरा ऑनलाइन देना होता है और उसकी प्रति प्रदेश सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग को भी उपलब्ध करानी होती है मार्च खत्म होने को है लेकिन यूपी काडर के 500 आईएएस अफसरों में से 138 अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। इधर सूबे की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने अपने मंत्रियों के बाद जब अफसरों से चल व अचल संपत्ति का ब्योरा मांगा तो शासन ने पड़ताल शुरू की तब यह तथ्य सामने आए।
मुख्य सचिव ने मांगा जवाब
अखिल भारतीय सेवा नियमावली के मुताबिक 31 जनवरी तक सम्पत्ति का ब्यौरा न देने वाले आईएएस अधिकारियों से मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने जवाब-तलब किया है। उन्हें एक मौका और देते हुए छह अप्रैल तक संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन या हार्डकॉपी में नियक्ति विभाग या केंद्र सरकार के कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
6 अप्रैल तक का समय
सूबे के आईएएस अधिकारियों को 15 मार्च की स्थिति के अनुसार चल संपत्ति का ब्यौरा अलग से भी देना होगा। यह सूचना मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के निर्देश पर मांगी गई है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा है कि वे छह अप्रैल तक यह सूचना हर हाल में उपलब्ध करा दे।
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