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दुर्ग। राज्य शासन द्वारा किए गए तबादलों ने एक विचित्र स्थिति उत्पन्न कर दी है। कभी आरोपी रहे आईएएस जेपी पाठक और एएसपी सुश्री पद्मश्री तंवर एक बार फिर से आमने सामने होंगे। राज्य पुलिस सेवा की अधिकारी श्री तंवर ही वह महिला अफसर थी जिन्होंने आईएएस पाठक के खिलाफ जांच की थी।
अभी कुछ दिनों पहले ही आईएएस जेपी पाठक आबकारी सचिव जैसे भारी भरकम पदों पर पदस्थ थे। उन्हें अचानक दुर्ग का संभागायुक्त बनाकर भेज दिया गया। यहां कमिश्नर रहे आईएएस महादेव कावरे को आईएएस पाठक द्वारा संभाले जा रहे विभागों की जिम्मेदारी देते हुए रायपुर बुला लिया गया था।
अब मंगलवार देर शाम जारी हुई एक तबादला सूची ने विकट स्थिति निर्मित कर दी है। सूची के मुताबिक अब तक राजनांदगांव में आईयूसीएडब्ल्यू शाखा में रहीं सुश्री पद्मश्री तंवर आईजी ऑफिस दुर्ग रेंज में स्थानांतरित कर दी गई हैं।
इससे एक बार फिर आईएएस पाठक और राज्य पुलिस सेवा की अधिकारी सुश्री तंवर एक ही जिले में आमने सामने होते रहेंगे। सुश्री तंवर ही वह अफसर थी जिन्होंने जांजगीर चांपा के तत्कालीन जिलाधीश जेपी पाठक के विरूद्ध जांच की थी। तब वहां की पुलिस अधीक्षक पारूल माथुर हुआ करती थीं। पाठक ने आईएएस यशवंत कुमार को जांजगीर कलेक्टर की जिम्मेदारी दी थी।
कार्यभार सौंपते ही आईएएस पाठक विवादों में घिर गए थे। उन पर एनजीओ संचालक बताई जाने वाली एक महिला ने गंभीर आरोप लगा दिए थे। मामला इतना गंभीर था कि जांजगीर के तत्कालीन कलेक्टर यशवंत कुमार को जांच के आदेश करने पड़े थे। इस पर वहां की एसपी रहीं श्रीमति माथुर ने सुश्री तंवर को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए मामला सौंपा था।